गुरुवार, 4 दिसंबर 2025

बड़ी खबर: देवास एमजी रोड़ चौड़ीकरण को इंदौर हाईकोर्ट की हरी झंडी, मकान मालिकों को देना होगा मुआवजा | Kosar Express



इंदौर हाईकोर्ट की देवास एमजी रोड चौड़ीकरण मामले में आए बड़े फैसले ने नगर निगम को बड़ी राहत दी है, तो वहीं प्रभावित मकान मालिकों के हक को भी मजबूती दी है। न्यायमूर्ति प्रणय वर्मा की एकलपीठ ने नगर निगम को सड़क चौड़ीकरण की अनुमति देते हुए स्पष्ट किया है कि यदि कोई मकान मालिक स्वेच्छा से जमीन नहीं देता है, तो उसे FAR नहीं बल्कि नकद मुआवजा देना अनिवार्य होगा।


मुख्य बिंदु:

  • सड़क की मध्य रेखा (Central Line) सबसे पहले तय करना अनिवार्य
  • मकान मालिक स्वेच्छा से जमीन नहीं देंगे तो केवल FAR नहीं, मौद्रिक मुआवजा (Monetary Compensation) देना होगा
  • कब्जा लेने के बाद 6 महीने में मुआवजा भुगतान पूरा करना बंधनकारी
  • धारा 305 के तहत नोटिस के बाद जमीन अपने आप निगम में निहित हो जाती है, अलग से लैंड एक्विजिशन की जरूरत नहीं


हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि सबसे पहले सड़क की मध्य रेखा तय की जाए, फिर मकान मालिकों को व्यक्तिगत नोटिस देकर माप-जोख की प्रक्रिया पूरी की जाए। मुआवजा तय होने के बाद कब्जा लिया जाएगा और छह महीने के भीतर भुगतान करना अनिवार्य होगा। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि फिलहाल देवास मास्टर प्लान 2031 ही लागू रहेगा और सड़क की चौड़ाई 12 से 15 मीटर तक ही बढ़ाई जा सकेगी।


कोर्ट द्वारा निर्धारित नई प्रक्रिया:

  • सबसे पहले सड़क की मध्य रेखा निर्धारित की जाएगी
  • याचिकाकर्ताओं को व्यक्तिगत नोटिस जारी कर निरीक्षण की तारीख दी जाएगी
  • मकान मालिकों की उपस्थिति में माप-जोख की जाएगी
  • नगर निगम + टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग के अधिकारियों की संयुक्त टीम सीमांकन करेगी
  • माप रिपोर्ट के बाद मकान मालिकों को सुनवाई का मौका मिलेगा
  • अंतिम आदेश के बाद मुआवजे का मूल्यांकन → कब्जा → 6 महीने में भुगतान


यह फैसला न केवल देवास बल्कि पूरे मध्यप्रदेश में चल रहे सड़क चौड़ीकरण विवादों के लिए एक अहम कानूनी मिसाल माना जा रहा है, जहां अब तक केवल FAR देकर अधिग्रहण की प्रक्रिया अपनाई जाती रही है।


याचिकाकर्ताओं की मुख्य दलीलें थीं:

  • मध्य रेखा तय किए बिना नोटिस अवैध
  • केवल FAR देना पर्याप्त नहीं, नकद मुआवजा चाहिए
  • नया ड्राफ्ट प्लान 2041 में चौड़ाई 12 मीटर ही प्रस्तावित है

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