देवास। राजेन्द्र सिंह भदौरिया, प्रभारी उप संचालक/जिला लोक अभियोजन अधिकारी, जिला देवास द्वारा बताया गया कि दिनांक 24.10.2022 को लगभग 22ः30 बजे जब घटना में आहत राहुल राजपूत जो कि पेट्रोल पंप का कर्मचारी है एवं एक अन्य कर्मचारी शेखर थे तभी तीन आरोपीगण 1. फिरोज 2. फैजान 3. जफर पेट्रोल भरवाने आये और पेट्रोल पंप की नोजल पर सिगरेट पीने लगे पेट्रोट पंप के कर्मचारियों ने जब आरोपीगण से पेट्रोल पंप पर सिगरेट पीने से मना किया तोे तीनो आरोपीगण पेट्रोलपंप के कर्मचारियों के साथ गाली गलोच व मारपीट करने लगे उसी समय उक्त पेट्रोल पंप पर पेट्रोल डलाने आया व्यक्ति मृतक जोजन व उसके साथ आये एक व्यक्ति ने बीच बचाव किया। तभी उक्त तीनों आरोपीगण में से फैजान ने फोन करके उसके अन्य दो साथी आरोपीगण समीर व इरशाद को बुला लिया। समीर व इरशाद पेट्रोल पंप पर आ गये व पांचो आरोपीगण मिलकर पेट्रोलपंप कर्मचारी के साथ गाली गलोच करने लगे तभी पेट्रोल पंप के कर्मचारी ने फोन करके अपने मालिक को बुलाया। पेट्रोल पंप के मालिक व उसके अन्य साथी पेट्रोल पंप पर आ गये और उक्त पांचो आरोपीगण को उन्होंने समझाया लेकिन पांचो आरोपीगण तब भी नहीं माने और गाली गलौच करने लगे एवं पेट्रोल पंप के सामने स्थित रोड पर पटाखे फोड़ने लगे जब पांचों आरोपीगण से गाली देने व पटाखे फोड़ने से मना किया तो उनमें से अभियुक्त समीर ने मृतक जोजन के सीने पर चाकू से वार कर दिया, जिससे वह गंभीर रूप घायल हो गया और इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई। उक्त घटना में ही अभियुक्त जफर ने पेट्रोल पंप कर्मचारी राहुल के पेट में चाकू से वार किया था जिससे वह घायल हो गया था। राहुल के बताये अनुसार देहाती नालसी के आधार पर थाना बीएनपी में अपराध क्र. 788/22 पर पंजीबद्ध हुआ विवेचना उपरांत धारा 294, 307, 302, सहपठित धारा 149 भादवि का चालान माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। उक्त घटना पेट्रोल पंप पर लगे सी.सी.टी.वी. कैमरे में कैद हो गई थी जिसे साक्ष्य के रूप में न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया।
माननीय द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश महोदय, जिला देवास (समक्षः-श्री उमाशंकर अग्रवाल) द्वारा दोषसिद्धि का निर्णय पारित करते हुये अभियुक्त समीर खान पिता शब्बीर खान नि. मोहसीनपुरा जिला देवास को धारा 302 भादंसं में आजीवन कारावास एवं 5000/-जुर्माना व अभियुक्त जफर उर्फ काजू खां पिता शाकिर खा. नि. मोहसिन पुरा को धारा 324 भादंसं में 03 वर्ष का का सश्रम कारावास व 3000/-रूपये के अर्थदण्ड से दंडित किया गया। उक्त प्रकरण गंभीर जघन्य सनसनीखेज की श्रेणी में चिन्हित था।
उक्त प्रकरण में विवेचना थाना बीएनपी के तत्कालीन निरीक्षक मुकेश इजारदार एवं शासन की ओर से अभियोजन का संचालन श्रीमती अलका राणा, सहायक जिला अभियोजन अधिकारी, जिला देवास द्वारा किया गया।
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