देवास। (राशिद शेख कौसर) विधानसभा चुनाव को लेकर शहर शहर चुनाव का उत्सव मनाया जा रहा है। वादों की बरसात हो रही है। घोषणाओं की लम्बी सूची बनाए जा रहे हैं। एक से बढ़कर एक दिग्गज चुनावी मैदान में हैं। किसी की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है, तो कोई महज वोट काटने के लिए भी चुनाव मैदान में उतरा हुआ है।
देवास विधानसभा में कुल छः प्रत्याशी चुनावी मैदान में है। देखा जाए तो मुख्य लड़ाई बीजेपी और कांग्रेस के बीच है।बाकी निर्दलीय प्रत्याशी सिर्फ पार्टी प्रत्याशी का वोट काटने के लिए चुनाव लड़ रहे हैं। यहां पर चर्चा यह भी है कि कई प्रत्याशी तो बकायदा पैसा खर्च कर चुनाव मैदान में उतारे गए हैं। उनका काम बस यही है कि प्रतिद्वंदी प्रत्याशी का वोट काटना। हालांकि खुलकर कोई चुनाव मैदान में इस तरह की बात तो नहीं कह रहा, परंतु सबको पता है कि कौन चुनाव लड़ने के लिए उतरा है और कौन चुनाव में लड़वाने के लिए और कौन सिर्फ वोट काटने के लिए। हालांकि पार्टी प्रत्याशी को निर्दलीय प्रत्याशी के वोट काटने से कोई ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा। चुनाव मैदान की रोचकता इस बात से भी बढ़ चुकी है कि दावतों का दौर खूब चल रहा है। कई तो ऐसे भी दिग्गज हैं जो अकेले ही चुनाव जिताने का वादा कर रहे हैं। प्रत्याशियों के पास जा रहे हैं, उनसे खर्च के नाम पर पैसे ऐंठ रहे हैं और चुनाव जिताने का वादा करके गायब हो जा रहे हैं। दो-चार हजार वोट दिलाने की गारंटी तो ऐसे दे रहे हैं, जैसे सारे वोट उनकी जेब में पड़े हुए हैं। जातिगत वोट का समीकरण भी खूब चल रहा है। वोटरों को अलग-अलग वोट बैंक में बांटकर चुनाव की राजनीति चली जा रही है। चुनाव मैदान में रोचकता काफी ज्यादा बढ़ चुकी है। खासकर नए प्रत्याशियों के लिए इस बार चुनाव काफी ज्यादा महत्वपूर्ण है।
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.