केंद्र सरकार ने शुक्रवार को गरीबों को मुफ्त अनाज दिए जाने को लेकर कैबिनेट में बड़ा फैसला लिया. केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत गरीबों को दिया जाने वाला अनाज अब एक साल तक मुफ्त दिया जाएगा. एनएफएसए के तहत अब 80 करोड़ से अधिक लोगों को मुफ्त खाद्यान्न मिलेगा.
केंद्र सरकार ने शुक्रवार को गरीबों को मुफ्त अनाज दिए जाने को लेकर कैबिनेट में बड़ा फैसला लिया. केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कैबिनेट बैठक की जानकारी देते हुए बताया कि सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत देश के 80 करोड़ लोगों को मिलने वाले मुफ्त राशन को एक साल के लिए आगे बढ़ा दिया है. इससे केंद्र सरकार को 2 लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा. केंद्रीय मंत्री ने बताया कि राशन के लिए गरीबों को एक भी रुपये नहीं देना होगा. इस योजना पर सरकार हर साल 2 लाख करोड़ रुपये खर्च कर रही है.
केंद्रीय खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि सरकार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा एक्ट के तहत चावल, गेहूं और मोटा अनाज क्रमश: 3,2,1 रुपये प्रति किलो की दर से देती है. सरकार ने फैसला लिया है कि दिसंबर 2023 तक यह पूरी तरह से मुफ्त मिलेगा.
इससे पहले केंद्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे ने बताया कि सितंबर में सरकार ने इस योजना की समयसीमा को तीन महीने के लिए 31 दिसंबर तक बढ़ा दिया था. कोविड के समय गरीब लोगों को राहत पहुंचाने के लिए यह योजना लाई गई थी. बीते 28 महीने में सराकर ने गरीबों को मुख्त राशन पर 1.80 लाख करोड़ रुपये खर्च किए.
कोविड संकट में शुरू हुई थी योजना
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना को मार्च 2020 में कोविड संकट के दौरान लागू किया गया था. इस योजना का लाभ देश के 80 करोड़ लोगों को मिलता है. इसके तहत बीपीएल कार्ड वाले परिवारों को हर महीने प्रति व्यक्ति 4 किलोग्राम गेहूं और 1 किलोग्राम चावल मुफ्त दिया जाता है. बीते कई महीनों से इस योजना को बढ़ाया जा रहा है.
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