- राम मंदिर के लिए ट्रक ड्राइवर की आस्था और जुनून
देवास। मन में कहीं यह मलाल ना रह जाए कि राम मंदिर निर्माण में मेरा अंश लगा ही नहीं, यह सोच एक ट्रक ड्राइवर को ऐसा जुनून सवार हुआ कि वह अपना ट्रक देवास बाईपास पर खड़ा कर ऑटो से समर्पण निधि इकट्ठा करने वालों को ढूंढने निकल पड़ा। माल से भरे ट्रक की परवाह किए बगैर वह देवास की चामुंडा कांप्लेक्स पहुंचा जहां मौजूद कुछ लोगों ने राम मंदिर निर्माण समर्पण निधि एकत्रित करने वालों को बुलाया जिन्हें ट्रक ड्राइवर ने 11,000 रुपए जमा कर रसीद प्राप्त की उसके बाद उसे सुकून मिला और वह वापस ऑटो में बैठकर बाय पास पहुंचा जहां से अपने गंतव्य को रवाना हुआ।
जी हां यह कहानी है राजस्थान के जोधपुर जिले के भीमसागर गांव में रहने वाले ट्रक ड्राइवर बाबूराम विश्नोई की। जिनके गांव में राम मंदिर निर्माण के लिए अगले दिन चंदा एकत्रित करने के लिए बैठक होना है। घर से आए फोन पर जब उन्हें पता चला कि उनके गांव के लोग समर्पण राशि एकत्रित कर देने वाले हैं। गांव के सभी लोग राम मंदिर निर्माण में अपना अंश तो दे देंगे लेकिन कहीं मेरा परिवार चूक ना जाए। ट्रक ड्राइवर और उनकी पत्नी के बीच जब यह बात हुई और बात तो सम्मान की चली, लेकिन परेशानी यह थी कि बाबूराम अपने गांव से सैकड़ों किलोमीटर दूर अपने ट्रक में माल भरकर गुजरात से कोलकाता जा रहा था। रास्ते में बाबूराम ने पीथमपुर में ट्रक रोका और समर्पण निधि इकट्ठा करने वालों का दफ्तर ढूंढना चाहा लेकिन वहां उसे सफलता नहीं मिली तो वह ट्रक लेकर आगे बढ़ा और देवास बाईपास पर अपना ट्रक खड़ा कर वहीं से ऑटो पकड़ा और देवास शहर जा पहुंचा। चामुंडा कांप्लेक्स पर जब उसने समर्पण निधि जमा करने की बात बताई तो वहीं मौजूद लक्की मक्कड ने तत्काल समर्पण निधि कलेक्शन करने वालों को फोन कर वही बुलवाया तब बाबूराम ने ₹11000 की समर्पण में भी जमा कराकर रसीद प्राप्त की। ट्रक ड्राइवर का यह जुनून देख वहीं मौजूद मनोज पवार और उनके साथियों ने तत्काल हारफूल से ट्रक ड्राइवर का स्वागत किया उन्हें चाय बिल भाई फिर उन्हें अपने गंतव्य के लिए विदा किया।
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