Saturday 28 July 2018

बहन ने की अपनी मर्जी से शादी, गुस्साए भाई ने जीजा को उतारा मौत के घाट | Kosar Express

बेटी के सामने दामाद को चाकुओं से गोदने वाले भाई, चाचा समेत 6 गिरफ्तार
रिंकी और उसका पति तेजकरण। -फाइल फोटो
हत्या के कुछ देर पहले ही पत्नी ने तेजकरण को बताया था- आप पिता बनने वाले हो

इंदौर. 'मेरे परिवार ने मेरा सब कुछ बर्बाद कर दिया...कल ही मेरी जिंदगी में खुशियां आई थीं। चेकअप के बाद डॉक्टर ने मुझे गर्भवती बताया था। इसकी जानकारी मैंने पति तेजकरण को दी तो वह काफी खुश था, लेकिन यह खुशी चंद घंटों की ही थी। मेरे परिवार वालों ने सब कुछ बर्बाद कर दिया। मेरे भाई और चाचा को कड़ी से कड़ी सजा मिलना चाहिए।' यह कहना है 20 वर्षीय रिंकी भालसे का, जिसके सामने गुरुवार को उसी के भाई अरुण, राहुल व चाचा शिवराम ने पति तेजकरण की हत्या कर दी थी। शुक्रवार दोपहर जैसे ही तेजकरण का शव घर लाया गया, वैसे ही वह शव से लिपट गई। बार-बार पति को उठने के लिए बोलने लगी और बदहवास हो गई।

जानकारी के अनुसार, घटना भंवरकुआं थाने के अंतर्गत भावना नगर की है।तेजकरण भालसे ने तीन महीने पूर्व कॉलोनी में रहने वाली रिंकी भालसे (19) से कोर्ट मैरिज की थी। रिंकी के पिता किशोर भालसे और भाई अरुण इस शादी के खिलाफ थे, लेकिन रिंकी ने उनके पास जाने से इनकार कर दिया। जिससे नाराज होकर अरुण ने चाचा व अन्य के साथ मिलकर बहन से प्रेम विवाह करने का बदला लेने की साजिश रची और हथियार लेकर तेजकरण के घर पहुंच गया। गुरुवार सुबह तेजकरण भालसे पर चाचा ससुर शिवराम भालसे, उसके बेटे राहुल और सगे साले अरुण ने चाकू से 6-7 बार हमला कर दिया। इस दौरान बीच-बचाव करने पहुंची तेजकरण की पत्नी और दोस्त मोनू राव के साथ भी मारपीट की। हमले के दौरान अरुण और राहुल ने मोनू को भी चाकू मार दिया। तेजकरण के पिता अपने बेटे को को लेकर निजी अस्पताल पहुंचे जहां इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया।
रिंकी बोली- भाई-चाचा ने छीन ली खुशी, उन्हें कड़ी सजा मिले।
सनावद में पकड़ाए सभी आरोपी
भंवरकुआं टीआई संजय शुक्ला ने बताया हत्याकांड में फरार शिवराम, अरुण और राहुल को शुक्रवार को सनावद से गिरफ्तार कर लिया गया। इनके अलावा तीन अन्य आरोपियों को भी पकड़ा है। इनकी लोकेशन वहां की मिली तो उनकी घेराबंदी कराई गई।

चक्काजाम का प्रयास
इकलौता बेटा खोने के बाद तेजकरण की मां सुंदर बाई का भी बुरा हाल था। उसकी तीनों बहनें भी बार-बार भाई के शव को देख बिलख रही थीं। दोपहर करीब 2.30 बजे जैसे ही परिजन शवयात्रा लेकर निकले तो उनका भी आक्रोश फूट पड़ा। मुख्य सड़क पर आते ही उन्होंने चक्काजाम का प्रयास किया। पुलिस अधिकारियों के आश्वासन के बाद वे माने।
राहुल अरुण शिवराम

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