भोपाल। क्या मध्यप्रदेश के सरकारी अस्पतालों में रेप पीड़िताओं के डम्क्प्ब्।स् कराने पर भी रिश्वत लगती है। यदि रिश्वत ना दो तो मेडिकल रिपोर्ट टाइम पर नहीं मिलती। मेडिकल कराने के लिए भी 3-4 दिन का इंतजार करना पड़ता है। सवाल इसलिए क्योंकि इस तरह का एक मामला छतरपुर से आ रहा है। मात्र 3 साल की मासूम के साथ हुए रेप के मामले में डस्ब् कराने आई महिला पुलिस कर्मचारी ने रेप पीड़िता के पिता से 500 रुपए की मांग की। बताया कि ये पैसे क्व्ब्ज्व्त् को देने पड़ते हैं। नहीं देंगे तो वो ना तो टाइम पर डस्ब् करेंगे ना ही रिपोर्ट देंगे।
एएसपी जयराज कुबेर के अनुसार राजनगर थाना क्षेत्र के खटकाया मोहल्ला में बच्ची को सोता देख आरोपी तौफीक खान घर में घुस गया और दुष्कर्म किया। जब वह निकलने लगा तो पड़ोसी ने उसे देख लिया। बच्ची के रोने से उसे शक हुआ तो उसने शोर मचाते हुए आरोपी को पकड़ लिया। शोर-शराबा सुनकर बच्ची की मां वहां पहुंची और अंदर जाकर देखा तो बच्ची बुरी हालत में रो रही थी। घटना के बाद लोगों ने आरोपी को पकड़कर जमकर पीटा और फिर पुलिस के हवाले कर दिया है। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धारा 376, 450 ,3ध्4,5 पाक्सो एक्ट के तहत मामला कायम कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।
MLC कराने गए तो मांगी रिश्वत
रेप पीड़ित बच्ची के पिता का आरोप है कि जिला अस्पताल MLC (मेडिकल) कराने साथ आई थाना पुलिस की महिला आरक्षक ने 500 रुपये रिश्वत मांगी। महिला आरक्षक ने कहा कि पैसे डॉक्टर साहब को देने पड़ेंगे, नहीं तो डॉक्टर जांच में समय लगाएंगे और बच्ची को 3-4 दिन तक यहीं रुकना पड़ेगा। उन्होंने रुपए नहीं होने का हवाला देकर मना कर दिया।
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