बल्देवगढ़/टीकमगढ़। सरकारी पंचायत भवन में आदिवासी महिला के साथ रंगरेलियां मानते सचिव को पूरे गांव ने एकजुट होकर घेर लिया लेकिन वो आधीरात को महिला को पंचायत भवन में बंद करके आसानी से निकल गया। महिला के पति ने ही दोनों को आपत्तिजनक स्थिति में पकड़ा था लेकिन पुलिस को इसकी सूचना तक नहीं दी गई। रोजगार सहायक से दूसरी चाबी मंगवाकर महिला को बाहर निकाला और मामला शांत हो गया। सुना है दोनों पक्षों के बीच राजीनामा हो गया है।
जानकारी के अनुसार एक आदिवासी महिला सोमवार रात को घर से गायब हो गई। इस दौरान उसका बच्चा और पति गहरी नींद में था। काफी देर तक महिला घर से गायब रही। इस बीच बच्चे की नींद खुल गई और उसने रोना शुरु कर दिया। बच्चे के रोने की आवाज सुनकर पिता की नींद खुल गई। उसने सोचा कि पत्नी टाॅयलेट गई होगी। बहुत देर तक इंतजार करने के बाद उसे कुछ शंका हुई। वह पत्नी को गांव में खोजने निकल गया। वह पंचायत भवन के पास से जा रहा था, तभी उसे कमरे का ताला खुला दिखा और लाइट जल रही थी। उसने खिड़की के पास खड़ा हो गया तो महिला और पुरुष की आवाज सुनाई दी। उसने ग्रामीणों को एकत्र किया।
आपत्तिजनक हालत में थे दोनों
यह खबर गांव में आग की तरह फैल गई और देखते-देखते ही बड़ी संख्या में गांव वाले पंचायत भवन के सामने आकर खड़े हो गए। कुछ लोगों ने दरवाजा खटखटाया, लेकिन थोड़ी देर तक अंदर से कोई आवाज नहीं आई। ग्रामीण दरवाजा तोड़ने की कोशिश करने लगे, तभी अंदर से आपत्तिजनक अवस्था में पंचायत सचिव निकला। ग्रामीण कुछ नहीं बोले। वो आसानी से सबके सामने पंचायत भवन में ताला डालकर चला गया। महिला अंदर कमरे में ही बैठी रही। बाद में ग्रामीणों ने रोजगार सहायक से कमरे की दूसरी चाबी मंगाकर ताला खोला और महिला को बाहर निकाला।
राजीनामे की चर्चा
हालांकि मामला थाने तक पहुंच सका है। चर्चा इस बात की है महिला का पंचायत सचिव से पहले से ही अफेयर चल रहा है। दोनों के बीच राजीनामा करने की भी चर्चा आ रही है।
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