Thursday 30 August 2018

उज्जैनः विधानसभा चुनाव के मद्देनजर 200 से ज्यादा हथियार लाइसेंस सस्पेंड


एमपी में चुनावी आहट के बीच उज्जैन जिला प्रशासन ने हथियारों के लाइसेंस निलंबित करने की ये सबसे बड़ी कार्रवाई की है. इस कार्रवाई से लाइसेंसधारियों के बीच हड़कंप मच गया है.


मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव की आहट के चलते पुलिस प्रशासन ने सख्ती शुरु कर दी है. इसकी ताजा मिसाल उज्जैन शहर में देखने को मिली, जहां एक साथ दो सौ से ज़्यादा लोगों के हथियारों के लाइसेंस निलंबित कर दिए गए हैं.

उज्जैन के कलेक्टर मनीष सिंह ने शांति और सुरक्षा की दृष्टि से जिले के 243 शस्त्र लाइसेंस को निलंबित कर दिया है। लेकिन सिर्फ शस्त्र लाइसेंस निलंबित करना ही ख़बर नहीं, इसमें खास बात है कि जिनके हथियारों के लाइसेंस निलंबित किए गए हैं, उनमें बीजेपी और कांग्रेस के कई नेता और जनप्रतिनिधि भी शामिल हैं.

आपको बता दें कि हथियारों के लाइसेंस को लेकर उज्जैन जिले में पहली बार इतनी बड़ी कार्रवाई हुई है. जिले में उन 243 लाइसेंसधारियों के शस्त्र लाइसेंस निलंबित किए हैं, जिन पर पहले से ही आपराधिक मामले दर्ज हैं.

कलेक्टर मनीष सिंह ने फरमान जारी किया है कि जिन लोगों के लाइसेंस निलंबित हुए हैं, वे अगले 3 दिनों के अंदर अपने हथियार संबंधित पुलिस थानों में जमा करवाएं नहीं तो उनके लाइसेंस कैंसल करने की कार्रवाई शुरु कर दी जाएगी.

कलेक्टर की इस कार्रवाई की चर्चा पूरे सूबे में हो रही है. आपको बता दें कि जिन लोगों के हथियारों के लाइसेंस निलंबित किए गए हैं, उनमें कांग्रेस की पूर्व विधायक कल्पना परुलेकर, बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता राजपाल सिंह सिसौदिया, कांग्रेस नेता अनंत नारायण मीणा जैसे नेताओं के अलावा और कई प्रभावशाली लोगों के नाम शामिल हैं.

104 को किया जा चुका है जिलाबदर

आपको बता दें कि हथियारों का लाइसेंस निलंबित करने से पहले बीते हफ्ते ही अलग अलग अपराधों में शामिल करीब 104 लोगों को जिला प्रशासन ने जिलाबदर करने की कार्रवाई को अंजाम दिया था। वहीं चुनाव आयोग के दिशानिर्दशों पर स्थाई वारंटियों के नाम अब वोटर लिस्ट से भी हटाए जा रहे हैं ताकि आने वाले विधानसभा चुनाव में कानून व्यवस्था पर असर ना पड़े

No comments:

Post a Comment

Note: only a member of this blog may post a comment.