देवास। प्रभारी उप संचालक अभियोजन, श्री राजेन्द्र सिंह भदौरिया ने बताया कि -दिनांक 10.12.2021 को शाम 18ः30 बजे भोपाल चौराहे से मनोरंजन ढाबा पर मृतक पटवारी नीरज परते अपने परिचित अनिल सरयाम के साथ खाना खाने गया था जो उसके बाद वापस अपने घर नही लौटा था, जिसकी गुमषुदगी थाना बीएनपी पर दर्ज की गई थी। दो दिन बाद दिनांक 12.12.2021 को थाना बीएनपी पर एक अज्ञात शव जानडियर कम्पनी के पास यूजीसी के वेयर हाउस के सामने देवास भोपाल रोड़ पुलिया के पास ग्राम जेतपुरा में मिलने की सूचना मिली उक्त शव की पहचान पटवारी नीरज परते के रूप में हुई।
जांच से प्रथम दृष्ट्या अज्ञात व्यक्ति के विरूद्ध धारा 302,201 भादवि का पाया जाने से अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। प्रकरण की विवेचना के दौरान साक्षीगणों के कथन लिये गये व गुमषुदगी में मनोरंजन ढाबा भोपाल रोड़ के कैमरे के विभिन्न फुटेज में नीरज परते अपने परिचित अनिल सरयाम के साथ खाना खाकर मोटर सायकल पर भोपाल रोड़ तरफ जाते दिखायी दिये। शंका होने से पूछताछ करने पर अनिल सरयाम द्वारा बताया गया कि मृतक पटवारी नीरज परते की पत्नी रचना धुर्वे जो उसकी मौसेरी बहन होकर 10 साल से उसके साथ प्रेम संबंध में है। रचना के कहने से वह मोटर सायकल से गेलपुर से देवास आते समय उसने सोनकच्छ से ठेले वाले से चाकू खरीदा एवं मनोरंजन ढाबा भोपाल रोड़ पर पटवारी नीरज परते के साथ खाना खाकर भोपाल रोड़ पर ही पुलिया के पास चाकू से वार कर उसकी हत्या कर दी और शव को पुलिया से नीचे फेंक दिया। अभियुक्तगण अनिल एवं रचना के विरूद्ध अभियोग पत्र धारा 302,201,120-बी/34 के अन्तर्गत माननीय न्यायालय में पेष किया गया।
प्रकरण में अभियुक्तगण अनिल एवं रचना के मध्य हुई बातचीत की कॉल डिटेल्स, चैटिंग, मोबाईल टॉवर लोकेषन एवं अभियुक्त अनिल के मोबाईल के फॉरेन्सिक जांच कर उसमें मौजूद डेटा के आधार पर विवेचना के दौरान उनके बीच प्रेम संबंध होना पाया गया। प्रकरण के निराकरण में वैज्ञानिक साक्ष्य की महत्वपूर्ण भूमिका भी रही है।
माननीय प्रथम जिला एवं अतिरिक्त सत्र न्यायाधीष देवास के तृतीय अतिरिक्त न्यायाधीष महोदय, जिला देवास (श्री आदेष कुमार जैन साहब) द्वारा निर्णय पारित कर अभियुक्तगण अनिल पिता जगदीष प्रसाद सरयाम, उम्र 34 वर्ष, निवासी गेलपुर थाना उमरावगंज जिला रायसेन एवं रचना धुर्वे पति स्व. नीरज परते, नि. ग्राम रेहटी जिला सिहोर
को भादंसं की धारा 302 एवं 302 सहपठित धारा 120-बी में आजीवन कारावास व 2000-2000 रूपये अर्थदण्ड तथा धारा 201/120-बी में 03-03 वर्ष का सश्रम कारावास व 500-500 रूपये के अर्थदण्ड से दंडित किया गया। उक्त प्रकरण गंभीर जघन्य सनसनीखेज की श्रेणी में चिन्हित था।
उक्त प्रकरण में शासन की और से कुषल पैरवी श्री राजेन्द्र सिंह भदौरिया, प्रभारी उप संचालक/जिला अभियोजन अधिकारी जिला देवास, द्वारा की गई तथा प्रकरण की विवेचना निरीक्षक मुकेष इजारदार द्वारा की गई।
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