देवास। राजेन्द्र सिंह भदौरिया, प्रभारी उप संचालक/जिला लोक अभियोजन अधिकारी ने बताया कि अभियोजन प्रकरण इस प्रकार है कि फरियादिया (अभियोक्त्री की माता) ने आरक्षी केन्द्र कांटाफोड़ में दिनांक 10.02.2024 को उपस्थित होकर रिपोर्ट लिखवाई कि अभियुक्त रमेष उसके घर के पास में रहता है। इस कारण रमेष का उसके घर आना जाना लगा रहता है। दिनांक 03.02.2024 को उसके पति मजदूरी के काम से बाहर गये हुए थे। उसकी सास भी निजी काम से बाहर गई थी। घर पर वह और उसकी पुत्री अभियोक्त्री थीे। दिन के करीब 03ः30 बजे अभियुक्त रमेष उसके घर आया और उसकी पुत्री अभियोक्त्री से पीने के लियेे पानी मांगा तथा अभियोक्त्री से बोला कि तुझे चिप्स दिलवाता हूं। तो फरियादिया ने अपनी पुत्री अभियोक्त्री को रमेष के साथ भेज दिया। लगभग 15 मिनट बाद घर आकर उसकी पुत्री अभियोक्त्री ने उसे बतलाया कि ‘‘अभियुक्त रमेष उसे अपने घर ले गये और दरवाजा लगाकर उसके साथ अष्लील हरकत की। फरियादिया (अभियोक्त्री की माता) की उक्त आषय की रिपोर्ट के आधार पर आरक्षी केन्द्र कांटाफोड़ में अभियुक्त रमेष पिता चंदर के विरूद्ध अपराध क्रमांक 24/2024 प्रथम सूचना रिपोर्ट पंजीबद्ध की गई।
माननीय प्रथम अपर सत्र न्यायाधीष महोदय, कन्नौद, जिला देवास द्वारा निर्णय पारित कर अभियुक्त रमेष पिता चंदरसिंह बछानिया, आयु 49 वर्ष, निवासी ग्राम हथनोरी, आरक्षी केन्द्र कांटाफोड़ जिला देवास को दोषी पाते हुये भादंस की धारा 342 के अपराध में 06 माह का सश्रम कारावास व 500/-रूपये के अर्थदण्ड तथा भादंसं की धारा 376 एवं भादंसं की धारा 376(ए)(बी) के गुरूत्तर अपराध लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधि. 2012 की धारा 5(एम)/6 के अपराध में आजीवन कारावास व 5000/-रूपये के अर्थदण्ड से दंडित किया गया। उक्त प्रकरण गंभीर जघन्य सनसनीखेज की श्रेणी में चिन्हित था।
उक्त प्रकरण में शासन की और से कुषल पैरवी श्री नरेष चरावण्डे, विषेष लोक अभियोजक तहसील कन्नौद, जिला देवास द्वारा की गई।
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