शनिवार, 3 अगस्त 2024

Dewas - 2 साल में दो बड़े काम भी नहीं कर पाए महापौर, नगर निगम भाजपा परिषद की निष्क्रियता के 2 साल पूरे - कांग्रेस | Kosar Express



देवास। देवास की नगर निगम परिषद और महापौर को बने दो वर्ष पूरे हो गए। इन बीते दो वर्षों में दो बड़ी उपलब्धियां भी अपने नाम नहीं कर पाई महापौर। निष्क्रियता के दो वर्ष पूरे होने के बाद महापौर गीता अग्रवाल के प्रतिनिधि या यूं कहे महापौर पति ड्रीम प्रोजेक्ट की बात कर रहे हैं। उनका ड्रीम प्रोजेक्ट 2 वर्ष बीतने के बाद भी ड्रीम ही बना हुआ है जिसका प्रोजेक्ट कहीं दिखाई नहीं देता। देवास की जनता नगर निगम परिषद के इस कार्यकाल से पूरी तरह निराश है।


शहर जिला कांग्रेस अध्यक्ष मनोज राजानी और कार्यकारी अध्यक्ष सुधीर शर्मा ने कहा है कि निष्क्रियता के इन दो वर्षों में महापौर ने हर बुधवार जनसुनवाई तो शुरू की लेकिन शहर और शहर वासियों की समस्याएं जस की तस हैं।


उन्होंने कहा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने लोगों से बड़े-बड़े वादे किए । यहां तक की भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा ने देवास आकर पत्रकार वार्ता में कहा कि जनता बताएगी कल का देवास कैसा होगा इस आधार पर हमारा घोषणा पत्र बनेगा , लेकिन शहर के लोगों के मान से शहर नहीं बना ।

शहर के लोगों ने भरोसा किया सोचा कि प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है देवास नगर निगम में भारतीय जनता पार्टी की परिषद बनती है तो शहर का विकास होगा लेकिन लोगों को इन दो सालों में निराशा ही हाथ लगी। शहर जिला कांग्रेस अध्यक्ष मनोज राजानी व कार्यकारी अध्यक्ष प्रवक्ता सुधीर शर्मा ने  कहा कि  लोगों की समस्या हल करने के लिए जनसुनवाई होती है, लेकिन  शहर वासियों को जनसुनवाई में अनेक बार जाने के बावजूद न्याय नहीं मिला वहीं पेकी के प्लांट को लेकर समस्या अपनी जगह बरकरार है। नजूल  की बाध्यता आज भी कायम है। सिर्फ इतना हुआ है कि वह कार्यालय देवास नगर निगम में स्थापित हो चुका है, लेकिन प्रक्रिया वही है। जहां तक सफाई में रैंक आने की बात है पिछले दो वर्षों में कोई रैंक नगर निगम को हासिल नहीं हुई। वही वार्डों में विकास को लेकर भाजपा कांग्रेस के पार्षद आज भी प्रयास कर रहे हैं लेकिन विकास नहीं हो पा रहा है। वार्डों में पर्याप्त काम नहीं होने से एवं पानी की निकासी नहीं होने से बारिश का पानी कॉलोनी में भर रहा है। सड़कों की देखरेख के अभाव में अनेक क्षेत्र की सड़कों पर इतने ज्यादा गड्ढे हो रहे हैं कि उन पर चलना मुश्किल हो रहा है। कुल मिलाकर यही कहा जा सकता है कि महापोर श्रीमती गीता अग्रवाल के कार्यकाल की इन 2 वर्षों में कोई उपलब्धि शहर में नहीं रही है । अगर ऐसा ही चलता रहा तो इनके 5 वर्ष भी बिना उपलब्धि के ही बीत जाएंगे।

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