- देश के दुश्मन चीन से लहसुन आयात पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाए भारत सरकार
- लहसुन के गिरते दामों से किसानों में हाहाकार, पंचायत चुनाव में किसान देगे सरकार को करारा जवाब
देवास। लहसुन फसल की लगातार गिरती कीमतों पर रोक व लहसुन के समर्थन मूल्य की मांग को लेकर युवा किसान संगठन द्वारा सोमवार को बाईक रैली निकालते हुए ज्ञापन सौंपा गया। संगठन अध्यक्ष रविन्द्र चौधरी ने बताया कि ग्राम राजोदा से युवा किसान संगठन के तत्वाधान में 200 से अधिक किसान बाइक रैली के माध्यम से निकले जो खेताखेड़ी, बरखेड़ा, नापाखेड़ी, हांपाखेड़ा, सिरोलिया, केलोद, बड़ा टिगरिया, छापरी, छोटा टिगरिया, कुमारिया, पारवती पुरा, नगोरा, सुकलिया, सुनवानी ,शिप्रा, लोहार पिपलिया होते हुए कलेक्टर कार्यालय पहुंचे। जहां पदाधिकारियों व किसानों ने मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर कार्यालय में ज्ञापन सैंपा। श्री चौधरी ने कहा कि अगर देश के दुश्मन चाइना व अन्य देश इरान से लहसुन के आयात पर तुरंत रोक नहीं लगाई गई व ओपन ट्रेड (मुक्त बाजार) के नियम को सुधार नहीं किया गया तो किसान को भारी नुकसान का सामना करना पड़ेगा। अगर किसान को आर्थिक नुकसान हुआ तो इसका खामियाजा प्रदेश के सत्ताधारी दल को आगामी पंचायत चुनाव में उठाना पड़ेगा। किसानों की मांग है कि लहसुन में सरकार मुक्त व्यापार समझौता (फ्री ट्रेड एग्रीमेंट्स) बंद करें। चाइना, ईरान व अन्य किसी भी देश से लहसुन के आयात पर पूर्ण रूप से रोक लगाई जाए। लहसुन को एमएसपी (एमएसपी) की सूची में शामिल कर 8000 /- प्रति क्विंटल का भाव सुनिश्चित करें। हमारे देश में किसी भी किराना दुकान व शॉपिंग मॉल में बिकने वाले गार्लिक (लहसुन) का पेस्ट सिर्फ स्वदेशी लहसुन से निर्मित हो यह सरकार सुनिश्चित करें। लहसुन के ऊपर सरकार की क्या निर्यात नीति है स्पष्ट करें व किसानों को प्रसारित करें। लहसुन की लागत कम करने हेतु किसानों को सस्ता खाद - बीज व कीटनाशक दवाइयां वाजिब दाम व समय पर उपलब्ध कराएं। लहसुन की लागत कम करने हेतु किसानों को टैक्स फ्री डीजल व पेट्रोल उपलब्ध कराया जाए। यदि समय रहते उपरोक्त सुधार नही किए गए तो किसानों द्वारा प्रदर्शन किया जाएगा।
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