- छह कपड़े कि गठानें कम, दो मिली चार गायब
- वारदात या वहम
- पुलिस ने माना ऐसी वारदातें होती हैं लेकिन अभी नही हुई
- बरामद मोटरसाइकिल का किस्सा अलग
- सुबह चार से पांच बजे की घटना में नही हुई दर्ज एफआईआर निवेदन पर लिया आवेदन
- सूरत से मुजफ्फरपुर जा रहा था कंटेनर
देवास। बढ़ती वारदात और पनपते अपराध पर पुलिस नज़र तो रखती है लेकिन अंकुश लगा पाने में कामयाब नही हो पा रही है। शहर सहित जिलेभर में अपराध और वारदातें होती जली आ रहीं हैं शिकायतें भी होती हैं लेकिन मामला दर्ज नही होने के कारण पुलिस रिकार्ड में ज़रूर कमी आ रही है। हकीकत में ऐसा नही है कई मामलों में पुलिस खुद मजिस्ट्रेट बनकर निर्णय ले लेती है मामला दर्ज भी करना है या नही पुलिसिया सख्ती और भाषा से आहत आम नागरिकों में पुलिस कि छवि निरन्तर धूमिल होती जा रही है। पुलिसिया अंदाज के शहर सहित जिलेभर में अनगिनत मामले हैं जिन्हें पुलिस अपने अंदाज में निपटा कर मजिस्ट्रेट बन बैठी है ।
बरहाल मामला थाना टोंक खुर्द के अंतर्गत आने वाली पुलिस चौकी टोंककलां का है। अन्नपूर्णा ट्रांसपोर्ट के मेनेजर विकास कुमार ने टोंक कलां चौकी पर अपने साथियों के साथ पहुंचकर उनकी कंपनी के कंटेनर में हुई लूट कि घटना की रिपोर्ट दर्ज करानी चाही तो पुलिस ने इस तरह के घटनाक्रम से ही इंकार करते हुए रिपोर्ट दर्ज नही कि कंपनी के लोगों द्वारा मान मनौव्वल की तो आवेदन लेकर मामले को रफा दफा कर दिया गया। वहीं कंटेनर के ड्राइवर ने अपने साथ हुए घटनाक्रम से पुलिस को भी अवगत कराया तथा मिडिया को भी जानकारी दी ।
इस सम्बन्ध में टोंक कलां चौकी प्रभारी विजेन्द्र सिंह सोलंकी ने बताया कि इस तरह कि वारदातों से इंकार नही कर सकते हैं लेकिन अभी इस तरह कि कोई वारदात नही हुई है जो मोटरसाइकिल जप्त कि गई है वह मामला अलग है ट्रांसपोर्टर का माल मिल गया इस लिए रिपोर्ट दर्ज नही कि गई ।
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