- कौसर एक्सप्रेस की खबर का हुआ असर
- कुख्यात सट्टा अड्डों पर नहीं होती कड़ी कार्रवाई ?
- नौकरों पर बनाया जाता है औपचारिक प्रकरण?
- कंजर मोहल्ले मे असलम मंजर के अड्डे पर पुलिस की सहयोगात्मक छापेमारी?
देवास। नामचीन सटोरिये के घर पर सट्टा लिखने वाले मामूली नौकरों पर पुलिस केस बनाती है और इस डिजीटल सदी मे जागरूक जनता को मूर्ख बनाती है?
जिस अड्डे पर लाखो का सट्टा कारोबार हो वहां से पांच सौ रुपये की रकम, पेन और कागज के साथ दो नौकर गिरफ्तार हों तो यह क्या कहलाएगा?
30 जून को कोतवाली पुलिस ने सट्टा अड्डों पर कार्रवाई की औपचारिकता पूर्ण की। कंजर मोहल्ला के सदाबहार सुरक्षित और सहयोगी असलम मंजरे के अड्डे पर से सक्रिय पुलिस ने दो नौकरों को पकड़कर विशेषा सफलता प्राप्त की। उज्जैन रोड पर ब्रिज के आसपास लगातार सट्टा संचालन कर रहे आरोपियों ने शायद मिस्टर इंडियन वाली घडी पहन रखी थी इसलिए पुलिस को दिखाई नहीं दिये।
देवास कोतवाली इस समय सटोरियों के लिये सहयोगी और सुरक्षित बताई जा रही है। सटोरिये और पुलिस मे भाई और बोस जैसा संबोधन चलता है। पुलिस वाहन सट्टा अड्डों से दूरी बनाकर निकलते हैं ताकि ग्राहक न भाग जाएं। यहां यह स्पष्ट बताया जा सकता है कि सटोरियों का सुरक्षा कवच कमजोर नहीं है ।
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