देवास। नवागत एसपी डॉ. शिव दयाल सिंह की नीति, नीयत और कार्यशैली अच्छी है लेकिन अधिनस्थ नहीं चाहते कि देवास से अवैध और अतिरिक्त कमाई के अवैध कारोबार बंद हों, शायद इसलिए वह कुछ ऐसा कर रहे हैं कि पुलिस की छवि धूमिल हो रही है। समाचार प्रकाशन-प्रसारण में पुलिस द्वारा गुंडा विरोधी अभियान चलाया जा रहा है लेकिन इस अभियान की आड़ लेकर अवैध कारोबारीयों के सहयोगी वर्दीधारी आम आदमी, फरियादी और निर्दोषों को निशाना बना रहे हैं। उज्जैन रोड पर ब्रिज के नीचे वर्षों से बड़ा सट्टा व्यपार चल रहा है और सटोरियों पर ईमानदार पुलिस अधिकारियों ने कड़ी कार्रवाई भी की है लेकिन पुलिस विभाग के ही कुछ चर्चित चेहरों से सटोरियें के पारिवारिक संबंध भी है जो उन्हें हर तरह से सहयोग करते हैं और अधिकारियों के सामने उन्हें सहयोगी के रुप में पेश करते हैं। उज्जैन रोड ब्रिज के नीचे प्रशासन ने मजदूरों का स्थान बनाया है, जहां रोजगार की तलाश में सुबह से शाम तक मजदूर मिलते हैं। मजदूर चौराहे से काफी दुर सटोरियों का कारोबार सेटिंग से झुग्गी और घरों सहित दुकानों पर भी चलता है। पुलिस को सटोरियों के नाम, पते चेहरे सब कुछ मालूम होने के बावजूद भी आम आदमी, मजदूर को गालियां देकर मारपीट करना यही प्रमाणित करता है कि पुलिस सटोरियों को सहयोग कर रही है। देवास शहर और जिले में वर्दी वाले आम आदमी का स्वागत लट्ठ से करते हैं और गालियों से सम्मान। उज्जैन रोड पर मजदूर चौराहे पर वर्दी में गुंडागर्दी करने वालों को सटोरियों और मजदूरों की पहचान नहीं है तो फिर वर्दी पहनने का क्या मतलब? यहां यह स्पष्ट लिखना पड़ रहा है कि सटोरियों और दलाल कुछ वर्दी वालों के पारिवारिक आयोजन सहित उनकी जरूरतें जमकर पूरी करते हैं और अवैध कारोबार से अपनी जेब भरते हैं। आम आदमी पर पुलिस अत्याचार कहीं न कहीं वास्तविक आरोपियों को बचाने का प्रयास ही लगता हैं। एसपी डॉक्टर शिव दयाल सिंह पहले विभागीय भ्रष्टों का पता लगाएं फिर अवैध कारोबारियों पर लगाम लगाएं तब स्थिति नियंत्रण में आ सकती है, नहीं तो उनके अच्छे प्रयास और पहल भी व्यर्थ हो जाएंगे। पत्ती बाजार में पार्टनरों का सट्टा व्यपार सफलता का कीर्तिमान बना रहा है लेकिन पुलिस को नजर ही नहीं आ रहा है अब तो इस शहर का भगवान ही मालिक हैं।
देवास। नवागत एसपी डॉ. शिव दयाल सिंह की नीति, नीयत और कार्यशैली अच्छी है लेकिन अधिनस्थ नहीं चाहते कि देवास से अवैध और अतिरिक्त कमाई के अवैध कारोबार बंद हों, शायद इसलिए वह कुछ ऐसा कर रहे हैं कि पुलिस की छवि धूमिल हो रही है। समाचार प्रकाशन-प्रसारण में पुलिस द्वारा गुंडा विरोधी अभियान चलाया जा रहा है लेकिन इस अभियान की आड़ लेकर अवैध कारोबारीयों के सहयोगी वर्दीधारी आम आदमी, फरियादी और निर्दोषों को निशाना बना रहे हैं। उज्जैन रोड पर ब्रिज के नीचे वर्षों से बड़ा सट्टा व्यपार चल रहा है और सटोरियों पर ईमानदार पुलिस अधिकारियों ने कड़ी कार्रवाई भी की है लेकिन पुलिस विभाग के ही कुछ चर्चित चेहरों से सटोरियें के पारिवारिक संबंध भी है जो उन्हें हर तरह से सहयोग करते हैं और अधिकारियों के सामने उन्हें सहयोगी के रुप में पेश करते हैं। उज्जैन रोड ब्रिज के नीचे प्रशासन ने मजदूरों का स्थान बनाया है, जहां रोजगार की तलाश में सुबह से शाम तक मजदूर मिलते हैं। मजदूर चौराहे से काफी दुर सटोरियों का कारोबार सेटिंग से झुग्गी और घरों सहित दुकानों पर भी चलता है। पुलिस को सटोरियों के नाम, पते चेहरे सब कुछ मालूम होने के बावजूद भी आम आदमी, मजदूर को गालियां देकर मारपीट करना यही प्रमाणित करता है कि पुलिस सटोरियों को सहयोग कर रही है। देवास शहर और जिले में वर्दी वाले आम आदमी का स्वागत लट्ठ से करते हैं और गालियों से सम्मान। उज्जैन रोड पर मजदूर चौराहे पर वर्दी में गुंडागर्दी करने वालों को सटोरियों और मजदूरों की पहचान नहीं है तो फिर वर्दी पहनने का क्या मतलब? यहां यह स्पष्ट लिखना पड़ रहा है कि सटोरियों और दलाल कुछ वर्दी वालों के पारिवारिक आयोजन सहित उनकी जरूरतें जमकर पूरी करते हैं और अवैध कारोबार से अपनी जेब भरते हैं। आम आदमी पर पुलिस अत्याचार कहीं न कहीं वास्तविक आरोपियों को बचाने का प्रयास ही लगता हैं। एसपी डॉक्टर शिव दयाल सिंह पहले विभागीय भ्रष्टों का पता लगाएं फिर अवैध कारोबारियों पर लगाम लगाएं तब स्थिति नियंत्रण में आ सकती है, नहीं तो उनके अच्छे प्रयास और पहल भी व्यर्थ हो जाएंगे। पत्ती बाजार में पार्टनरों का सट्टा व्यपार सफलता का कीर्तिमान बना रहा है लेकिन पुलिस को नजर ही नहीं आ रहा है अब तो इस शहर का भगवान ही मालिक हैं।
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