शाजापुर। जिला मीडिया प्रभारी सचिन रायकवार एडीपीओ शाजापुर ने बताया कि न्यायालय विशेष न्यायाधीश लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 एवं द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश शाजापुर द्वारा आरोपी का जमानत आवेदन पत्र आज दिनांक 29 मई 2020 को निरस्त किया गया। श्री रमेश सोलंकी विशेष लोक अभियोजक शाजापुर द्वारा प्रदत्त जानकारी अनुसार दिनांक 24 मई 2020 को सुबह करीबन 8:00 बजे पीड़िता किचन में चाय बना रही थी तभी अचानक चाय की गर्म तपेली उसके हाथ से नीचे छूट गई तभी उसके पिता वहाँ आ गए और बुरी नीयत से उसके हाथ पकड़कर उसे नीचे गिरा दिया और उसके साथ थापड़ मुक्के से मारपीट की वह चिल्लाई तो उसकी मां वहाँ आई तो उसके पिता ने उसे भी गंदी गंदी गालियां दी । पीड़िता उसके पिता के डर के कारण थाने पर रिपोर्ट को नहीं आ सकी। दिनांक 25 मई 2020 को उसकी मम्मी को साथ लेकर थाना लालघाटी में रिपोर्ट करने गई थी जिस पर से थाना लालघाटी शाजापुर ने आरोपी के विरुद्ध धारा 323, 294, 354, 354(क)(1)(1) भारतीय दंड संहिता एवं लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम की धारा 7 /8 , 9 एन/10 के अंतर्गत अपराध पंजीबद्ध किया था। आरोपी पीड़िता पर करीब 1 साल से बुरी नजर रखता था।अभी कुछ दिनों से आरोपी पीड़िता के साथ गन्दी हरकत कर रहा था,पीड़िता की मां इस बात का विरोध करती थी तो आरोपी उनके साथ मारपीट करता था। राज्य की ओर से विशेष लोक अभियोजक शाजापुर श्री रमेश सोलंकी द्वारा वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जमानत आवेदन पत्र का विरोध करते हुए तर्क प्रस्तुत किए गए । आरोपी पीड़िता का पिता होते हुए उसके द्वारा पीड़िता के साथ उक्त प्रकार का अपराध किया गया इसकी गंभीरता को दृष्टिगत रखते हुए आरोपी का जमानत आवेदन पत्र माननीय न्यायालय द्वारा निरस्त किया गया ।
नोट:-धारा 23 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 के अनुसार पीड़िता की पहचान उसके नाम ,पता, परिवार के ब्योरे जिससे उसकी पहचान प्रकट हो नहीं दिए जाने है। चूँकि आरोपी पीड़िता का पिता है इसलिए आरोपी का नाम पता भी प्रेस नोट में नहीं दिया जा रहा है।
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