Thursday 20 December 2018

Video | Dewas - भाजपा नेताओं का 'राफेल' मुद्दे पर धरना प्रदर्शन, राष्ट्रपति के नाम सौंपा ज्ञापन | Kosar Express

राहुल गांधी को पद मुक्त करने की मांग

देवास। भाजपा प्रदेश संगठन के निर्देशानुसार राफेल विमान खरीद पर कांग्रेस के दुष्प्रचार को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने बुधवार को प्रदेश के सभी जिला केन्द्रों पर धरना-प्रदर्शन कर राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन कलेक्टर को सौंपा। देवास में भी भाजपा ने नगर निगम के सामने पूर्व जिला पंचायत आफिस की खुली जगह पर धरना दिया और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को लोकसेवक के पद से मुक्त करने की मांग की। पार्टीे नेताओं ने इस आशय का ज्ञापन राष्ट्रपति के नाम कलेक्टर को दिया। 


भाजपा जिला प्रवक्ता शंभु अग्रवाल ने बताया कि इस अवसर पर धरना प्रदर्शन को संबोधित करते हुए मुख्य वक्ता भाजपा प्रदेश मंत्री पंकज जोशी ने कहा कि राफेल सौदे को लेकर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने देश की जनता के समक्ष जो झूठ फैलाने की कोशिश की, उसे देश की सबसे बड़ी अदालत ने खारिज कर दिया। यह कांग्रेस के मुंह पर करारा तमाचा है।



देश की जनता से मांफी मांगे राहुल - पाटीदार
धरना प्रदर्शन की अध्यक्षता करते हुए भाजपा जिला अध्यक्ष नंदकिशोर पाटीदार ने कहा कि नैतिकता के आधार पर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी को देश की जनता से माफी मांगना चाहिए और यह बताना चाहिए कि जब-जब देश की सुरक्षा मजबूत होती है, सेनाओं का मनोबल बढ़ता है, तो उनका रवैया देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करने वाला क्यों होता है।



कमीशनबाजी के चक्कर में अटकाया कांग्रेस ने सौदा
संगठन प्रभारी वीरेंद्र कावड़िया ने कहा कि कांग्रेस की सरकारें राफेल का सौदा क्यों नहीं कर पायी, यह जनता भलीभांति जानती है। शायद उसे कमीशन नहीं मिल रहा था। कांग्रेस ने जितने भी सौदे किए हैं, उनमें जमकर कमीशनबाजी की है और इसी फेर में राफेल खरीदी का मामला अटकाए रखा।


कांग्रेस के रवैये से जनता हैरान
पूर्व मंत्री दीपक जोशी ने कहा कि राहुल गांधी का देश की सुरक्षा को लेकर जो रवैया है, उससे जनता हैरान है। आश्चर्य की बात है कि एक राष्ट्रीय पार्टी के राष्ट्रीय नेता का रवैया देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करने वाला है। उन्होंने कहा कि 2002 में राफेल खरीदी को लेकर बात शुरू हुई, ताकि सेना का मनोबल बढ़े और उसे अत्याधुनिक उपकरण मिल सकें। 2004 में कांग्रेस की सरकार बनी और 2007 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने यह फैसला लिया कि राफेल खरीद की जरूरत है, लेकिन 2007 से लेकर 2014 तक लगातार कांग्रेस की सरकार रहने के बाद भी राफेल खरीदी को लेकर सरकार कोई निर्णय नहीं कर पाई।


भ्रष्टाचार की जनक है कांग्रेस
विधायक आशीष शर्मा ने कहा कि देश में भ्रष्टाचार की जनक कांग्रेस पार्टी है। कांग्रेस पाताल से लेकर जमीन और जमीन से लेकर आसमान तक भ्रष्टाचार करने के लिए जानी जाती है। कांग्रेस ने हर क्षेत्र में घोटाले किए। उन्होंने कहा कि 2014 में श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में स्पष्ट बहुमत की सरकार बनी और देश ने महसूस किया कि राफेल की खरीदी होना चाहिए। निष्पक्षता के साथ मोदी सरकार ने राफेल का सौदा किया। कांग्रेस जिस तरह के भ्रष्टाचार के आरोप लगा रही है, वह बेबुनियाद सिद्ध हुए है।




राफेल में भ्रष्टाचार की नहीं है गुंजाइश
विधायक पहाड़सिंह कन्नौजे ने कहा कि कांग्रेस को यह समझना चाहिए कि राफेल का यह सौदा दो देशों के बीच होने वाला सौदा था, जिसमें भ्रष्टाचार की कोई गुंजाइश नहीं बचती। भ्रष्टाचार तब होता था जब कांग्रेस की सरकारें बिना बिचैलिए के सौदे करती ही नहीं थी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस राफेल खरीदी को लेकर शायद इसलिए हाहाकार मचा रही है क्योंकि देश की सीमाएं मजबूत हो रही हैं। सेना के जवानों का मनोबल उंचा उठ रहा है।

न्यायालय का निर्णय कांग्रेस के मुंह पर तमाचा
पूर्व विधायक राजेंद्र वर्मा ने कहा राफेल सौदे पर भारत की सर्वोच्च अदालत का फैसला केन्द्र सरकार के पक्ष मंे आया है, जिससे यह साफ जाहिर होता है कि राफेल के सौदे में कोई अनियमितताएं नहीं थी। सुप्रीम कोर्ट में अलग अलग याचिकाओं के द्वारा निर्णय प्रक्रिया, डील की कीमत और आफसेट पार्टनर के चुनाव पर सवाल उठाए गए थे। इन सभी पर सुनवाई करते हुए देश की सर्वोच्च अदालत ने स्पष्ट निर्णय दिया कि इनमें जांच की कोई जरूरत नहीं है।
धरना प्रदर्शन को भाजपा प्रदेश कार्यसमिती सदस्य सुरेन्द्र वर्मा, गोपीकृष्ण व्यास, बहादुर मुकाती, महेश पाटीदार, खादी ग्रामउद्योग निगम अध्यक्ष सुरेश आर्य, पापुनी अध्यक्ष रायसिंह सेंधव, गोसंवर्धन बोर्ड उपाध्यक्ष नारायण व्यास, महापौर सुभाष शर्मा, राजीव खण्डेलवाल, पोपेन्द्रसिंह बग्गा, मण्डल अध्यक्ष ओम जोशी ने भी संबोधित किया।

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