शुक्रवार, 16 नवंबर 2018

Video | Dewas - ट्रैफिक टीआई ने रात 11 बजे तीन बसों को रोका, 1 बजे दी रवानगी | Kosar Express

यात्री मैड़म से परेशान होकर लगाते रहे गुहार, बसों की शिकायत पर हुई बसों पर कार्रवाई

देवास। अगर शहर के यातायात के बार में बात करे तो जनता बेतरतीब यातायात को लेकर इतनी तरीफ करती है कि जिसके बारे जितना लिखे उतना ही कम है। शहर के यातायात को सुधारने के लिए जिम्मा टै्रफिक टीआई सुप्रिया चौधरी और ट्रैफिक डीएसपी के कंधों पर है। लेकिन उसके बाद भी शहर का यातायात बेहाल है। देखा जाए तो पूरा शहर का यातायात एबी रोड़ पर ही है। लेकिन इस रोड़ पर अगर नजारा देखो तो समझ में आ जाएगा कि जिनके कंधों पर यह कमान है वो किस तरह इसका इमानदारी से निर्वाह कर रहे है। बसों और मैजिक चालकों ने यातायात का कचुमर निकाल रखा है। जब इनको लेकर कार्रवाई नहीं करने की बात जिम्मेदारों से पूछते है तो दलील दी जाती है कि हम कार्रवाई तो करते है लेकिन आपको नजर नहीं आती है। पहले यातायात का जिम्मा सिर्फ ट्रैफिक टीआई के कंधों पर होता था लेकिन अब तो ट्रैफिक डीएसपी भी पदस्थ है। उसके बाद ही यातायात का हाल उसी तरह जैसे कई वर्षो पहले था।





दिन में हाल बेहाल, रात में मैडम कर रही चैकिंग

ट्रैफिक थाना जो कि बस स्टैंड के पास स्थित है। उसके सामने हाल अगर देख लो तो यह आसानी से समझा जा सकता है कि शहर के यातायात का क्या हाल होगा। थाने के सामने दिनभर ओवरलोड बसे और मैजिक निकले है। वहीं मैजिक और बस चालकों के कारण थाने के सामने दिनभर जाम लगता रहता है। ट्रैफिक टीआई सुप्रिया चौधरी का शायद यह नजारा नहीं नजर नहीं आता है। इधर मैडम देर रात को आफिस में बैठकर थाने के सामने वाहनों की चैकिंग कर रही थी। जवान वाहनों को रोककर कागज देख रहे थे। इसी दौरान रात करीब 11 बजे इंदौर से ललीतपुर चलने वाली कमला टैवल्र्स की बस यूपी 78 सीटी 8838, इंदौर से गुना चलने वाली बालाजी ट्रैवल्र्स की बस और इंदौर से ग्वालियर चलने वाली सेजवार बस सिर्विस को रोका। इस दौरान बसों में सवारियां बैठी हुई थी। बसों की चैकिंग की गई। मैडम की दलील है बसों के परमिट, फिटनेस और बीमा नहीं था। इधर बसों के स्टाफ का कहना था कि हमने मैडम से विनती की बसों के चालान काट दे। बसों के कागज रख ले। लेकिन बसों को जाने दे। लेकिन मैडम के तेवर सातवें आसमान पर थे। पहले तो मैडम ने एक घंटे तक बसों को ट्रैफिक थाने पर खड़ा कर रखा। जिसके बाद बसों को सवारियों के साथ पुलिस लाइन लेकर गई। जहां मैडम ने फरमान जारी कर दिया कि सवारियों को किराए के रूपए वापस दे दिए जाए। जिस पर सवारियों ने मैडम से हाथ जोड़कर निवेदन किया कि रात का समय है हम किराया लेकर कैसे जाएगे। जिसके बाद मैडम बसों को पुलिस लाइन से फिर ट्रैफिक थाने पर लेकर आई। जिसके बाद कोई ठाकुर नाम का व्यक्ति आया। जिसके आने के बाद मैडम के तेवर बदल गए। मैडम ने सवारियों की गुहार तो नहीं सुनी लेकिन ठाकुर की गुहार लगाते ही मैडम ने बसों के 5 हजार रूपए की चालानी कार्रवाई कर बसों के कागजों को रखकर रात करीब 1 बजकर 15 मिनिट पर रवाना किया।

आल इंडिया और इंटर स्टैट परमिट होने के बाद भी कार्रवाई..?

जिन बसों पर टै्रफिक टीआई सुप्रिया चौधरी ने चालानी कार्रवाई की है उन बसों के पास ऑल इंडिया परमिट होने के  साथ इंटर स्टैट परमिट भी था। मैडम का कहना है कि बस के चालकों के पास परमिट को लेकर कोई दस्तावेज नहीं थे। वहीं बसों को लेकर शिकायत आने पर कार्रवाई करने की दलील मैडम द्वारा दी जा रही है।

इनका कहना है

बसों को लेकर शिकायत आ रही थी कि दस्तावेज पूरे नहीं है। अगर बस चालक के पास परमिट को लेकर दस्तावेज होते तो कार्रवाई होती ही नहीं। बसों में परमिट को लेकर कोई फोटो कॉपी भी नहीं थी। मुझे 6 महीने हो गए है लेकिन आज तक तो मैने नहीं रोका। मैं शिकायत आने पर ही कार्रवाई करती हूं। बसों के चालक से बसों को लेकर जाने को कहा था। लेकिब बस मालिकों ने इंदौर से आने का कह दिया था। इस कारण बसों को रोककर रखा। हम तो बसों को जाने दे रहे थे।

सुप्रिया चौधरी
टीआई,ट्राफिक

मैं पीएम डयूटी में इंदौर हूं। मैं पहले पता कर लू, फिर आपको कुछ बता पाऊंगा।

किरण शर्मा
डीएसपी ट्रैफिक

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