ग्वालियर। एससी-एसटी एक्ट में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद हुए संशोधन का विरोध अब तीव्र होता जा रहा है। 6 सितम्बर को भारत बंद बुलाया गया है। इससे पहले 5 सितम्बर को मध्यप्रदेश के ग्वालियर में पत्रकारों ने भाजपा के प्रदेश प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे को घेर लिया। इस पर उन्होंने कहा 'मैं हाथ जोड़ता हूं, मुझे जाने दो।' बता दें कि यूं तो भाषणों में भाजपा का हर नेता देवतुल्य होता है परंतु पार्टी में संगठन मंत्री और प्रदेश प्रभारी को देवतुल्य माना जाता है।
दरअसल विनय सहस्त्रबुद्धे यहां संगठन की मीटिंग के लिए आए थे। यह मीटिंग एक होटल में थी। प्रदर्शनकारी जब वहां पहुंचे तो भारी संख्या में पुलिस तैनात थी लेकिन मीटिंग के बाद जब वो होटल से बाहर निकले तो पत्रकारों ने उन्हे घेर लिया। पत्रकारों ने भी वही सवाल पूछा जो प्रदर्शनकारी पूछना चाहते थे। जिस पर सहस्त्रबुद्धे ने मीडिया के सामने हाथ जोड़ लिए और कहा कि मैं हाथ जोड़ता हूं, मुझे जाने दो। इस दौरान होटल के बाहर करीब 200 जवान सुरक्षा व्यवस्था संभालने के लिए तैनात किये गये थे।
क्या है मामला
सुप्रीम कोर्ट ने एससी/एसटी एक्ट में एफआईआर दर्ज होते ही गिरफ्तारी की शर्त हटा दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने व्यवस्था दी थी कि मामला दर्ज होने के बाद पहले जांच की जाए और फिर गिरफ्तारी। पीएम नरेंद्र मोदी सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेश को निष्प्रभावी करने के लिए अध्यादेश ले आई और वो फटाफट संसद में पारित भी हो गया। अब जनता भड़क गई है। लोगों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में ही चुनौती दी जानी चाहिए थी। अध्यादेश क्यों लाए।
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