Sunday 9 September 2018

भाजपा नेता को दिखाए काले झंडे, फेंका जला हुआ काला तेल, पुलिस पर भी पथराव | Kosar Express

मुरैना। मध्यप्रदेश में एससी-एसटी का मामला गर्माया हुआ है, आए दिन नेताओं-मंत्रियों और विधायकों को लोगों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है। ताजा मामला मुरैना के अंबाह सामने आया है। यहां सवर्ण समाज के लोगों ने भाजपा के पूर्व मंत्री व एमपी एग्रो के चेयरमैन पर जला हुआ ऑयल फेंक दिया। इतने पर भी लोगों का गुस्सा शांत नही हुआ और उन्होंने मंत्री को काले झंडे दिखाते हुए पथराव कर दिया।इसके बाद जब पुलिस उन्हें बचाकर वाहन में ले जाने लगी तो उन्होंने चूड़िया फेंक दी। हालांकि मंत्री को कोई चोट नही क्योंकि वे अपनी गाड़ी में ही बैठे हुए थे।

दरअसल, शनिवार को भाजपा के पूर्व मंत्री व एमपी एग्रो के चेयरमैन मुंशीलाल अंबाह की चित्रकूट वाटिका में भाजपा पिछड़ा वर्ग के कार्यकर्ता सम्मेलन में शामिल होने पहुंचे थे।इस दौरान के सवर्ण समाज के लोग एससी-एसटी का विरोध करते हुए वहां पहुंच गए और सम्मेलन स्थल को घेरकर जमकर नारेबाजी करने लगे।हालांकि इस दौरान पुलिस भी मौजूद थी।करीब एक घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद जैसे ही पुलिसकर्मी उन्हें अपनी गाड़ी में बैठाकर ले जाने लगे दर्जनों युवा गाड़ी के सामने लेट गए। भीड़ में शामिल लोगों ने पूर्व मंत्री मुंशीलाल पर जला हुआ काला मोबिऑइल फेंक दिया। जिससे पूरा वाहन काला हो गया। हालांकि बाद में पुलिस ने ऑयल फेंकने वाले युवाओं को मौके से खदेड़ा तो बाकियों ने उन्हें काले झंडे दिखा दिए।

इतने पर भी मामला शांत नही हुआ और विरोधियों ने उनपर चूड़ियां फेंकना शुरु कर दिया। विरोध देखकर पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर हल्का बल प्रयोग किया। डंडा चलने पर युवाओं ने पुलिस पर दो मिनट तक गिट्टी फेंकी। इन हालात के बीच पुलिस पूर्व मंत्री मुंशीलाल को घेराव के बीच से निकाल ले जाने में सफल हो गई।प्रदर्शन कर रहे लोगों का कहना है कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं की जाती है तब तक वह इसी तरह प्रदर्शन करते रहेंगे और जिस भी पार्टी का नेता यहां आएगा उसका इसी तरह विरोध जताया जाएगा।

वही एससी-एसटी एक्ट में संशोधन वापस लेने के लिए सवर्ण समाज पार्टी ने राष्ट्रपति के नाम जिला प्रशासन को सौंपे ज्ञापन में चेतावनी दी है कि केंद्र ने 15 दिन की समय सीमा में एक्ट के संशोधन को वापस नहीं लिया ताे आंदोलन को और तेज किया जाएगा।जिसकी जिम्मेदारी केन्द्र औऱ राज्य की सरकारें होगी। इस बार आंदोलन आर या पार होगी।

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