एक महीने नौ दिन में आया फैसला, फैसले से पहले दरिंदों को चेहरों पर दिखी बैचेनी
मंदसौर। आठ वर्षीय बालिका के सामूहिक दुष्कर्म के मामले में पॉक्सो एक्ट की विशेष न्यायालय ने दोनों दरिदों आसिफ पिता जहीर खा और इरफान पिता जुल्फिकार मेव को मंगलवार को कोर्ट की सुनवाई शुरू होते ही कुछ ही देर में दोषी करार दे दिया। अब न्यायालय दोपहर 3 बजे अपना फैसला सुनाते हुये फाँसी की सजा दिया है। जिसका हर किसी को इंतजार है।
फैसले से पहले दरिंदों को चेहरों पर दिखी बैचेनी
फैसले के एक दिन पहले सोमवार की रात में दोनों दरिंदों के चेहरों पर सजा की आशंका के चलते डर साफ देखा गया। जेल सूत्रों की माने तो सोमवार की सुबह से ही दोनों आरोपियों के चेहरे पर सजा को लेकर बैचेनी थी। शाम को करीब साढ़े छह बजे से सात बजे के बीच दोनों आरोपियों को खाना दिया। लेकिन सजा के डर से आरोपियों ने कम खाना खाया। उसके बाद अपने बैरक कभी बैठते तो कभी ऊपर देखते। देर रात तक आरोपी कभी बैरक में खड़े हो इधर-उधर घूमते तो कभी करवटे बदलते रहते।
एक माह और नौ दिन में आया फैसला
जानकारी के अनुसार पुलिस द्वारा इस मामले में 12 जुलाई को न्यायालय में चार्जशीट पेश की थी। 30 जुलाई से इस मामले में सुनवाई शुरू हुई जो 8 अगस्त तक चली। अभियोजन ने करीब 37 गवाहों को पेश किया था। 14 अगस्त को अंतिम बहस हुई थी। न्यायाधीश ने 21 अगस्त को फैसले के लिए तारीख दी है। इस प्रकरण में 115 दस्तावेज साक्ष्य पेश किए गए हैं।
यह था मामला
26 जून की शाम 5.30 बजे हाफिज कॉलोनी स्थित विद्यालय से 8 वर्षीय बालिका का अपहरण कर आसिफ और इरफान लक्ष्मण दरवाजे के पास जंगल में ले गए थे। जहां बालिका के साथ दुष्कर्म किया और उसका गला चाकू से रेंत कर मृत समझकर वहां से फरार हो गए थे। 27 जून को दोपहर में बालिका लड़खड़ाते हुए बाहर आई थी। पुलिसकर्मी उसे जिला अस्पताल लाए। यहां से प्राथमिक उपचार के बाद डॉक्टरों ने बालिका को इंदौर रैफर कर दिया था। बालिका का अभी इंदौर में उपचार चल रहा है।
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