उज्जैन। यह भारत देश में किसी कोर्ट द्वारा किए गए सबसे तेज फैसले का कीर्तिमान है। 4 साल की बच्ची से दुष्कर्म के मामले में कोर्ट ने चालान पेश होने के 6 घंटे के भीतर आरोपी को सजा सुना दी। इन 6 घंटों में पुलिस ने आरोप लगाए, आरोपी ने इससे इंकार किया, गवाह पेश हुए, सरकारी रिपोर्ट प्रस्तुत की गईं एवं वकीलों के बीच बहस भी हुई।
उज्जैन जिले के घट्टिया के ग्राम जलवा में रहने वाली 4 साल की बालिका से 15 अगस्त को गांव के ही किशोर ने घर बुलाकर दुष्कर्म किया था। घटना के बाद किशोर भागकर राजस्थान के चौमहला में अपने रिश्तेदार के यहां चला गया था। अगले दिन पुलिस टीम ने वहां पहुंचकर उसे पकड़ लिया। एसपी सचिन अतुलकर ने बताया कि 24 घंटे में ही डीएनए रिपोर्ट मिल गई, जिसमें बच्ची से दुष्कर्म की पुष्टि हुई।
इसके बाद सोमवार सुबह 11 बजे मालनवासा स्थित किशोर न्याय बोर्ड में चालान प्रस्तुत किया। जज तृप्ति पांडे ने तत्काल सुनवाई शुरू कर दी। गवाहों, अन्य सबूतों, मेडिकल तथा डीएनए रिपोर्ट के आधार पर बोर्ड ने किशोर को दोषी पाया। न्याय बोर्ड ने ज्यादती करने वाले 14 साल के किशोर को दो साल के लिए बाल संप्रेक्षण गृह सिवनी भेजने का आदेश दिया। पुलिस के मुताबिक दुष्कर्म के मामले में इतनी जल्दी फैसला आने का यह देश में पहला मामला है। घटना 6 दिन पहले की है।
रिकार्ड के लिये बिना जाँचे सजा ये कहा जा न्याय हे
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