Tuesday 24 July 2018

... जब पुलिसवाले ने कहा "इस देश में मुसलमान होना गुनाह है?" | Kosar Express

आखिर क्यों एक थानेदार को कहना पड़ा कि इस देश में मुसलमान होना गुनाह है?
डोरंडा के थाना प्रभारी आबिद खान पर भीड़ ने उनके मजहब को लेकर टिप्पणी की थी. इसके बाद आबिद भड़क गए और कहा कि क्या इस देश में मुसलमान होना गुनाह है.
अभी तक तो हमारे देश में नेता हिंदू-मुस्लिम की बात कर और भावनाएं भड़काकर वोट लेने का काम करते थे. लेकिन अब एक पुलिसवाले को भी कहना पड़ गया है कि क्या इस देश में मुस्लिम होना गुनाह है. पुलिसवाले का ये वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. लेकिन इसके पीछे एक हत्याकांड है, जिससे नाराज़ भीड़ ने पुलिस पर सवालिया निशान लगाए और इसी क्रम में भीड़ ने पुलिसवाले के मजहब पर भी आपत्तिजनक टिप्पणी कर दी.

मामला झारखंड का है. झारखंड की राजधानी रांची में बीजेपी के अनुसूचित जाति के मंडल अध्यक्ष थे धीरज राम. 18 जुलाई की सुबह करीब साढ़े चार बजे हर रोज की तरह धीरज राम स्कूटी से अपर बाजार में निकले थे. अभी वो घर से करीब 200 मीटर दूर पहुंचे ही थे कि चार अपराधियों ने उनकी स्कूटी रोकी और ताबड़तोड़ उन्हें गोलियां मार दीं. सिर, कंधा, जबड़ा और हाथ में गोली लगने की वजह से धीरज गिर गए और अपराधी गोली मारने के बाद फरार हो गए. पडोस की एक महिला ने धीरज को पड़ा हुआ देखा तो घर जाकर सूचना दी. मौके पर पहुंचे धीरज के भाई सुजीत ने डोरंडा पुलिस को सूचना दी और धीरज को लेकर अस्पताल गए. वहां डॉक्टरों ने धीरज को मरा हुआ घोषित कर दिया.

धीरज राम बीजेपी के नेता थे. उनकी हत्या के बाद बीजेपी कार्यकर्ताओं ने थाने का घेराव कर दिया और आबिद खान के खिलाफ उनके मजहब को लेकर टिप्पणी की.
वारदात के बाद स्थानीय लोग हंगामा करने लगे और उन्होंने डोरंडा थाने का घेराव कर दिया. थाने को घेरने के बाद स्थानीय लोग नारेबाजी करने लगे. वो थानेदार हाय-हाय के नारे लगाने लगे और साथ ही डोरंडा थाना प्रभारी आबिद खान को हटाने की मांग करने लगे. इस नारेबाजी के दौरान ही भीड़ में शामिल कुछ लोगों ने डोरंडा थाना प्रभारी आबिद पर उनके मजहब के नाम पर आपत्तिजनक टिप्पणी कर दी. उनका आरोप था कि थाना प्रभारी मुस्लिम हैं और धीरज को मारने वाले आरोपी भी मुस्लिम हैं. जब तक भीड़ नारेबाजी कर रही थी, पुलिस खामोश थी. लेकिन जैसे ही भीड़ ने दरोगा आबिद खान के मजहब पर टिप्पणी की, आबिद खान नाराज हो गए. गुस्से से तमतमाए हुए आबिद खान ने कहा कि क्या उनका मुसलमान होना गुनाह है, क्या उन्होंने हत्या की है. आबिद ने कहा कि वो अपनी मर्जी से डोरंडा थाने में नहीं हैं, सरकार ने उन्हें वहां भेजा है.

आबिद खान के गुस्से को देखकर थाने में मौजूद भीड़ में कुछ लोगों ने आबिद खान से माफी भी मांगी. वहीं थाने में उस वक्त डीएसपी भी मौजूद थे. उन्होंने भी भीड़ को धर्म के आधार पर टिप्पणी करने से रोका, जिसके बाद थाने में मौजूद लोगों ने और भीड़ में शामिल कुछ लोगों ने आबिद खान को समझा-बुझाकर शांत करवाया.

आबिद ने जब पूछा कि क्या उनका मुसलमान होना गुनाह है, तब लोगों ने उनसे माफी मांगी.
इस पूरे हंगामे के दो दिन बाद आबिद खान और उनकी टीम ने धीरज की हत्या के आरोप में अली, शहबाज और आरिफ को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने उनके पास से दो पिस्टल बरामद की हैं. पुलिस के मुताबिक अली, शहबाज और आरिफ की धीरज से छेड़खानी को लेकर कहासुनी हो गई थी. इसकी वजह से अली, शहबाज और आरिफ धीरज से नाराज थे और बदला लेना चाहते थे. इसकी वजह से उन्होंने धीरज की हत्या की थी. इसके अलावा पुलिस ने चांद और मुन्ना को भी हथियार छिपाने के आरोप में गिरफ्तार किया है. रांची के एसएसपी अनीश गुप्ता ने कहा कि पुलिस ने धीरज के सभी हत्यारोपियों को गिरफ्तार कर लिया है.

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