मध्यप्रदेश के अन्य पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति-जनजातियों के छात्र-छात्राओं को अब जाति प्रमाण पत्र बनवाने के लिए भटकना नहीं पड़ेगा।
भोपाल। मध्यप्रदेश के अन्य पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति-जनजातियों के छात्र-छात्राओं को अब जाति प्रमाण पत्र बनवाने के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। साथ ही जाति प्रमाण पत्र बनवाने के लिए खर्च होने वाले 35 रुपए भी सरकार ही वहन करेगी।
राज्य सरकार ने प्रदेश में 12 जुलाई से मैन्युअली जाति प्रमाण पत्रों को ऑनलाइन करने की मुहिम शुरू कर दी है। इसके तहत निजी और सरकारी स्कूल-कॉलेज भी लोकसेवा केंद्रो के माध्यम से छात्रों के जाति प्रमाण पत्रों को ऑनलाइन कराएंग। इस नई सुविधा से प्रदेश के लाखों विद्यार्थी लाभांन्वित होंगे।
इस संबंध में भोपाल में एडीएम दिशा नागवंशी ने बैठककर जिले के सभी स्कूल व कॉलेज संचालकों को निर्देश दिए हैं कि वे ऐसे छात्रों की सूची तैयार करें, जिनके ऑनलाइन जाति प्रमाण पत्र नहीं हैं। उनके प्रमाण पत्रों के साथ आधार व अन्य दस्तावेज लें ले ताकि डिजीटल जाति प्रमाण पत्र के लिए ऑनलाइन आवेदन आसानी से भरा जा सके। ऑनलाइन जातिप्रमाण पत्र की जिम्मेदारी आदिम जाति कल्याण विभाग को सौंपी गई है।
दूसरे जिले के छात्र-छात्राएं भी जमा कर सकते हैं आवेदन
एक से दूसरे जिले में पढ़ाई के लिए आए विद्यार्थी भी उसी जिले में लोकसेवा केंद्रों के माध्यम से अपना जाति प्रमाण पत्र ऑनलाइन करवा सकते हैं। भोपाल में यह सुविधा चारों लोक सेवा केंद्रों में है। संबंधित जिले को लोक सेवा केंद्र के माध्यम से आवेदन ऑनलाइन भेजा जाएगा तथा वहां से प्रमाणित होने पर भोपाल के केंद्र से ही उसकी डिजीटल प्रति निकालकर दे दी जाएगी।
अभियान शुरू कर दिया है
जाति प्रमाण पत्र को डिजीटल कराने के लिए छात्र-छात्राओं को भटकना नहीं पड़ेगा। उनकी ओर से ऑनलाइन आवेदन स्कूल कॉलेज के अधिकारी ही करेंगे। इसके लिए अभियान शुरू कर दिया है। सभी स्कूल-कॉलेजों से डिजीटल जाति प्रमाण पत्र की सूचियां आना शुरू हो गई हैं।
-सुदाम पी. खाडे, कलेक्टर भोपाल
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