मंदसौर में किसानों पर गोली चलाती पुलिस ?
सोशल मीडिया पर वायरल इस वीडियो को मंदसौर का बताया जा रहा है जबकि सच्चाई कुछ और है. |
वीडियो में ये असल शूटिंग नहीं है. बल्कि ये एक मॉकड्रिल है. वीडियो की शुरुआत से ही इसमें लोगों के हंसने की आवाज आ रही है. सड़क के दोनों तरफ लोग भी आराम से खड़े हैं जबकि असल फायरिंग में ऐसा नामुमकिन है. लोग जान बचाकर भागते दिखते. मगर यहां पूरी मौज में खड़े हैं.
दूसरी बात जो शंका पैदा करती है, वो ये कि वीडियो के आखिर में एक अनाउंसमेंट होता है, जिसमें कहा जा रहा है – एक बार पुनः मैं दर्शकों को बता दूं. यह केवल एक डेमो था. जिसमें खूंटी पुलिस ने अपनी सक्रियता दिखाई कि किसी भी विषम परिस्थिति से निपटने के लिए हमारी पुलिस हमेशा तत्पर और तैयार है.
इस तरह हो रहा है ये शेयर-
सच्चाई क्या है?
असल में ये वीडियो एक मॉकड्रिल का ही है, जिसे झारखंड के खूंटी जिले में वहां की पुलिस ने अंजाम दिया था. ऑल्ट न्यूज ने इस वीडियो की जांच की तो सामने आया कि ये वीडियो 1 नवंबर 2017 को मॉकड्रिल ऑफ खूंटी पुलिस के नाम से पब्लिश हुआ था. 31 अक्टूबर 2017 को पुलिस ने मॉकड्रिल किया था. यानी कि इसका मंदसौर या मध्यप्रदेश पुलिस से कोई संबंध नहीं है. ना ही इसमें कोई आदमी मरा या घायल हुआ. सब शांतिपूर्ण तरीके से निपटा.
बाकि जनता का क्या कहा जाए. सोशल मीडिया पर कुछ लाइक्स और अपना एजेंडा बढ़ाने के लिए लोग कुछ भी शेयर कर देते हैं. फिर तमाम लोग ऐसे होते हैं जो बिना जांचे-परखे उसे रीशेयर करने में जुट जाते हैं. पर ये आदत ठीक नहीं है. लोगों को समझना होगा कि उनकी ये छोटी सी नादानी समाज में नफरत फैलाने की काम करती है. इस वीडियो ने भी तमाम किसानों और आम लोगों का गुस्सा बढ़ाया होगा. पुलिस के खिलाफ भड़काया होगा जोकि ठीक नहीं है. थोड़ा सा ध्यान देकर ऐसी गल्तियों से बचा जा सकता है.
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.