मुंबई के रहने वाले दादाराओ बिलहोरे ने अपने 16 साल के बेटे की याद में शहर के 556 गड्ढे भर दिए हैं। उनके बेटे प्रकाश की मौत साल 2015 में एक सड़क दुर्घटना में हो गई थी। उसकी मोटरसाइकिल सड़क के एक गड्ढे की वजह से फिसल गई थी। दादाराओ बिलहोरे का कहना है कि वह तब तक यह काम करते रहेंगे जब तक देश के सारे गड्ढे नहीं भर जाते। बिलहोरे कहते हैं कि वह नहीं चाहते कि जो कुछ उनके बेटे के साथ हुआ वह किसी और के साथ हो। रविवार तक उन्होंने शहर के 556 गड्ढों को भर दिया था।
बिलहोरे का कहना है कि हमारे देश की जनसंख्या काफी बड़ी है। अगर केवल एक लाख लोग भी गड्ढों को भरना शुरू करें तो भारत की सड़कों पर एक भी गड्ढा नहीं रहेगा। बृह्न मुंबई नगर निगम (बीएमसी) और मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (एमएमआरडीए) के विवाद के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि गड्ढों की परेशानी को दूर करने के लिए अगर लोग मिलकर काम करेंगे तो वह भी (बीएमसी और एमएमआरडीए) उनसे प्रभावित होकर काम करेंगे।
बता दें इस मानसून में मुंबई और उसके आसपास के क्षेत्र में 6 लोग गड्ढों के कारण अपनी जान गंवा चुके हैं। अभी महीने के शुरू में ही महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के कार्यकर्ताओं ने गड्ढों से होने वाली मौतों के खिलाफ प्रदर्शन भी किया था।
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