शाजापुर। किसान आंदोलन के एक दिन पहले जिला मुख्यालय से 8 किमी दूर उज्जैन जिले के ग्राम नैनावद में बवाल हो गया। 10 साल से पानी की समस्या से जूझ रहे ग्रामीणों ने हाईवे जाम कर दिया। महिलाएं बर्तन और कुप्पियां लेकर वाहनों के सामने डटी रहीं। इस दौरान छोटे वाहन चालकों ने निकलने की कोशिश की तो उन पर भी गुस्सा निकाल दिया। इधर, हंगामे की सूचना मिलते ही पहुंची पुलिस ने स्थिति को संभालने का भरसक प्रयास किया। गुस्साई महिलाओं ने महिला पुलिसकर्मियों को कुप्पियों से पीटना शुरू कर दिया। स्थिति को देखते हुए लाइन से अतिरिक्त बल बुलाया गया। एएसपी ज्योति सिंह ठाकुर ने महिलाओं से चर्चा करते हुए समस्या निराकरण का वचन दे दिया लेकिन महिलाओं ने पुलिस की समझाइश के बाद भी जल्द निराकरण नहीं होने की स्थिति में आंदोलन की चेतावनी भी दे डाली।
10 साल से जलसंकट, समाधान आज तक नहीं
पानी की समस्या जब ज्यादा गंभीर होने लगी तो महिलाओं ने गुरुवार सुबह 7.30 बजे हाईवे पर जाम लगा दिया। देखते ही देखते नैनावद के दोनों तरफ वाहनों की कतार लग गई। गांव की चांद बी और सुमन बाई, माया बाई के मुताबिक, 10 साल से गांव में पानी की समस्या है, लेकिन इस बार तो हद हो गई, सरपंच ने इतनी परेशानी होने के बाद भी टैंकर शुरू नहीं कराए।
35-40 लोगों पर प्रकरण दर्ज
मक्सी थाना प्रभारी श्यामसुंदर शर्मा के मुताबिक, देर शाम मक्सी पुलिस ने नैनावद में हाईवे जाम करने वाले 35-40 अज्ञात ग्रामीणों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया है। इसमें ज्यादातर महिलाएं बताई गई।
एएसपी ठाकुर ने बातों में उलझाकर हाईवे से हटाया
पानी की समस्या को एक ही दिन में हल करने की मांग पर अड़ी महिलाएं 2-3 घंटे तक हाईवे पर ही जमी रही। मरने और मारने की बात कहते हुए कई बार विवाद की स्थिति भी निर्मित कर दी। हालांकि, यहां पहुंची एएसपी ठाकुर ने अपने पिछले अनुभव से पहले महिलाओं को बातों में उलझाया और बाद में उन्हें हाईवे से दूर ले जाकर समस्या निराकरण वचन दिया।
पुलिस को संभालना पड़ी स्थिति
नैनावद गांव जिला मुख्यालय से नजदीक होने के कारण शाजापुर पुलिस को ही स्थिति संभालना पड़ी। हालांकि, इसके बाद भी उज्जैन जिले की पुलिस पहुंची ओर न ही प्रशासनिक अधिकारी। विवाद बढ़ता देख शाजापुर पुलिस लाइन से बड़ी मात्रा में बल मौके पर पहुंचा। पुलिस की संख्या बढ़ती देख ग्रामीणों ने भी अपने तेवर नरम कर दिए। हालांकि, बाद में तराना तहसीलदार संजय वाघमारे दोपहर बाद नैनावद पहुंचे। यहां उन्होंने ग्रामीणों के आरोप के आधार पर शिकायत बनाकर अपने वरिष्ठ अधिकारियों के समक्ष प्रस्तुत कर दिया। वाघमारे के मुताबिक, गांव के मांगूसिंह का ट्यूबवेल अधिग्रहण कर ग्रामीणों की समस्या अस्थाई तौर पर हल कर दी है। वहीं सरकारी कुएं पर पुलिस तैनात की जाएगी।
समस्या सुन निराकरण का आश्वासन दिया है
सीएसपी ज्योति सिंह ठाकुर के मुताबिक, हमारी प्राथमिकता बवाल खत्म करने की थी। महिलाओं की समस्या सुन कर निराकरण का प्रयास किया गया। इस दौरान कुछ कहासुनी होने की बातें भी सामने आई। मामले में प्रकरण दर्ज करने का निर्णय वरिष्ठ अधिकारी से चर्चा कर किया जाएगा।
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