Friday 22 June 2018

कैलाश विजयवर्गीय को उन्हीं के वोटर्स ने खदेड़ डाला | Kosar Express

फाइल फोटो
इंदौर। पहले इंदौर के सबसे ताकतवर भाजपा नेता, फिर प्रदेश के दूसरे सबसे ताकतवर कैबिनेट मंत्री और अब भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के नजदीकी व भाजपा के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने भी अपने मतदाताओं से किया वादा पूरा नहीं किया। गुस्साए वोटर्स ने कैलाश विजयवर्गीय को उनकी ही विधानसभा से खदेड़ डाला। यहां बात विकास यात्रा की हो रही है। इससे पहले बता दें कि करीब आधा दर्जन से ज्यादा भोपाल विधायक अपने ही मतदाताओं के गुस्से का शिकार हो चुके हैं। गुरुवार रात को महू से भाजपा विधायक कैलाश विजयवर्गीय विकास यात्रा लेकर गोकुल्या कुंड पहुंचे थे। विजयवर्गीय को यहां के लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा। पांच साल पहले किया गया वादा पूरा नहीं करने से यहां के लोग विजयवर्गीय से नाराज थे। नाराज लोगों ने विजयवर्गीय के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। हालात देख विजयवर्गीय को वहां से वापस लौटना पड़ा 

5 साल में भी नहीं बना तालाब
विजयवर्गीय जब गांव के लोगाें से भाजपा सरकार द्वारा किए गए कार्यों का बखान कर रहे थे तो वे नाराज हो गए। ग्रामीणों ने विधायक से कहा कि गांव में तालाब बनवाने की घोषणा खुद विजयवर्गीय ने ही 5 साल पहले की थी, लेकिन अब तक तालाब बनवाया नहीं गया है।

ग्रामीणों का यह रुख देख विजयवर्गीय के साथ आए भाजाईयों ने उन्हें समझाने का प्रयास किया। भाजपा नेताओं ने ग्रामीणों से कहा कि हम यहां तालाब के संबंध में चर्चा करने ही आए है लेकिन ग्रामीणों ने भाजपा नेताओं की बातों को अनसुना कर दिया और नारेबाजी करने लगे।

ग्रामीणों का कहना था कि विजयवर्गीय की घोषणा के बाद उनके बेटे आकाश विजयवर्गीय ने तालाब का भूमिपूजन भी किया लेकिन आज तक काम शुरू नहीं हुआ। यहां लोग खेती के कार्यों के लिए पानी के संकट का सामना कर रहे है। ग्रामीणों का कहना था कि तालाब की घोषणा के बावजूद इसे बनवाया नहीं गया तो अब वे भाजपा को वोट नहीं देंगे।

देपालपुर और सांवेर में हो चुका है विरोध
विजयवर्गीय से पहले भी दो विधायकों को जनता के विरोध का सामना करना पड़ा था। देपालपुर से भाजपा विधायक मनोज पटेल द्वारा विधानसभा चुनाव के समय किए वादों को पूरा नहीं किए जाने से नाराज खरसोदा गांव के लोगों ने तो उन्हें जूतों की माला पहनाने की कोशिश की थी। वहीं सांवेर विधायक राजेश सोनकर का भी कई गांवों में जमकर विरोध हो चुका है।

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