भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने आधार में कुछ जरूरी बदलाव करने का निर्णय लिया है। यूआईडीएआई ने वर्चुअल आईडी की शुरुआत करने का फैसला किया है। अब कई सुविधाओं का लाभ उठाने के लिए आधार नंबर नहीं देना होगा। अब सरकार आधार वर्चुअल आईडी के इस्तेमाल पर जोर देगी। यह सब आधार की सेफ्टी को मजबूत करने के लिए किया गया है। अब सिर्फ 10 दिन का समय रह गया है। 10 दिन बाद आपका आधार 'बेकार' हो जाएगा। हालांकि, बेकार होने का मतलब ये नहीं कि आपका आधार वैलिड नहीं रहेगा। बल्कि इसके इस्तेमाल की शायद ही जरूरत पड़े। क्योंकि, आधार वर्चुअल आईडी की हर जगह काम आएगी लेकिन क्या होती है ये वर्चुअल आईडी? इसका फायदा क्या होगा? आम जनता इसका इस्तेमाल कैसे कर पाएगी? और कैसे ये नई आईडी जेनरेट होगी। इन तमाम सवालों के जवाब हम आपको बताएंगे.
क्या होती है VID?
आधार वर्चुअल आईडी एक तरह का टेंपररी नंबर है। यह 16 अंकों का नंबर होता है। अगर इसे आधार का क्लोन कहा जाए तो यह गलत नहीं होगा। इसमें कुछ ही डिटेल होंगी। UIDAI यूजर्स को हर आधार का एक वर्चुअल आईडी तैयार करने का मौका देगी। अगर किसी को कहीं अपने आधार की डिटेल देनी है तो वो 12 अंकों के आधार नंबर की जगह 16 अंकों का वर्चुअल आईडी दे सकता है। वर्चुअल आईडी जनरेट करने की सुविधा 1 जून से अनिवार्य हो जाएगी।
VID | वर्चुअल आईडी कैसे बनाएं
आधार वर्चुअल आईडी को UIDAI के पोर्टल से जेनरेट किया जा सकता है। यह एक डिजिटल आईडी होगी। आधार होल्डर इसे कई बार जनरेट कर सकता हैं। मौजूदा समय में VID सिर्फ एक दिन के लिए ही वैलिड होती है। इसका मतलब हुआ कि एक दिन बाद आधार होल्डर इस वर्चुअल आधार आईडी को फिर से जेनरेट कर सकता है। इसे सिर्फ UIDAI की वेबसाइट से ही जेनरेट किया जा सकता है।
ऐसे जनरेट करें अपनी VID
VID जेनरेट करने के लिए UIDAI के होमपेज पर जाएं।
अब अपना आधार नंबर डालें।
इसके बाद सिक्योरिटी कोड डालें और SEND OTP पर क्लिक कर दें।
जिस मोबाइल नंबर से आपका आधार रजिस्टर्ड होगा, वहीं आपको OTP भेजी जाएगी।
OTP डालने के बाद आपको नई VID जेनरेट करने का ऑप्शन मिल जाएगा।
जब यह जेनरेट हो जाएगी तो आपके मोबाइल पर आपकी वर्चुअल आईडी भेज दी जाएगी। यानी 16 अंकों का नंबर आ जाएगा।
वर्चुअल आईडी से क्या होगा?
यह आपको सत्यापन के समय आधार नंबर को साझा नहीं करने का विकल्प देगी।
वर्चुअल आईडी से नाम, पता और फोटोग्राफ जैसी कई चीजों का वेरिफिकेशन हो सकेगा।
कोई यूजर जितनी चाहे, उतनी वर्चुअल आईडी जनरेट कर सकेगा।
पुरानी आईडी अपने आप कैंसिल हो जाएगी।
UIDAI के मुताबिक, अधिकृत एजेंसियों को आधार कार्ड होल्डर की ओर से वर्चुअल आईडी जनरेट करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
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