Friday 4 May 2018

आंधी-तूफान से देश भर में 133 मौतें, 12 राज्य प्रभावित

  
 
आंधी-तूफान, हवाई चक्रवात और बारिश ने देश भर में 133 से ज्यादा जानें ले लीं। अभी अंतिम आंकड़े नहीं आए हैं। घायलों की गिनती नहीं की गई है और संपत्तियों के नुक्सान का आंकलन भी नहीं हुआ है परंतु तबाही हर उस इलाके में पसरी देखी जा सकती है जहां आंधी-तूफान आया था। यूपी, राजस्थान, मप्र, झारखंड, हिमाचल, पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड और दिल्ली में तेज हवाएं चलीं। तो तेलंगाना, बंगाल और आंध्र प्रदेश में आंधी के साथ बारिश हुई। इसमें 133 से ज्यादा लोगों की मौत हुई। 300 से ज्यादा घायल हो गए। हजारों मकान, सैकड़ों वाहन और फसलों को भारी नुकसान हुआ है।

खतरा अभी भी बरकरार

धूलभरी आंधी और बवंडर का खतरा अभी टला नहीं है। मौसम विभाग ने शुक्रवार और शनिवार के लिए चेतावनी जारी की है। खासकर राजस्थान और यूपी में फिर धूलभरी आंधी आ सकती है। इन इलाकों में चक्रवात की स्थिति बन रही है। इसका असर राजस्थान के सीमावर्ती जिलों में भी पड़ सकता है। बता दें कि बुधवार रात उत्तरी इलाकों में धूल भरी आंधी चली। इसके असर से गुरुवार को दक्षिणी राज्यों में जमकर बारिश हुई। मौसम के इस पलटे मिजाज का 12 राज्यों पर असर पड़ा।

राजस्थान में फिर आ सकता है धूलभरा बवंडर

मौसम विभाग के मुताबिक शुक्रवार को उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, पंजाब और उत्तप्रदेश के कुछ इलाकों समेत पूर्वी राजस्थान में तेज हवा और आंधी आने का अनुमान है। पश्चिमी राजस्थान के कुछ इलाकों में भी ऐसे हालात बन रहे हैं। मौसम विभाग ने 7 मई को भी पश्चिमी राजस्थान में धूल का गुबार यानी बवंडर उठने की बात कही है।

तारीखों में जाने, कहां-क्या हो सकता है?

05 मईःजम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड के कुछ इलाकों में तेज हवा और धूलभरी आंधी चल सकती है।
06 मईः जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश के कुछ इलाकों में तेज हवा के साथ धूलभरी आंधी आ सकती है, ओले भी गिर सकते हैं।
07 मईःहिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में तेज हवाओं के साथ ओले गिर सकते हैं। जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, हरियाणा, पंजाब, चंडीगढ़, दिल्ली और पश्चिमी उत्तर-प्रदेश के कुछ हिस्सों में आंधी और तेज हवाएं चल सकती हैं।

3 दुर्लभ वेदर सिस्टम का कॉम्बिनेशन लाया तूफान

तीन दुर्लभ वेदर सिस्टम के कॉम्बिनेशन ने ये हालात बनाए। वेस्टर्न डिस्टरबेंस ने राजस्थान, पंजाब और हरियाणा के ऊपर साइक्लोनिक सर्कुलेशन बनाया। इससे गरजने वाले बादल बने। यह पैटर्न यूपी होते हुए बिहार पहुंचा। वहां बंगाल की खाड़ी से आ रही नमी मिली। उच्च तापमान के चलते तूफान जैसा माहौल बन गया।

क्या पहले पता नहीं लग सकता
करीब 1500 मीटर की ऊंचाई पर वेदर सिस्टम बनता है। जब किसी सूखे इलाके में 90ः तक नमी वाली हवाएं भारी मात्रा में अचानक पहुंच जाती हैं, तो इससे गरज वाले बादल बनने लगते हैं और तूफान जैसी स्थिति पैदा हो जाती है। यह सब कुछ दो घंटे के अंदर ही होता है। बचने की तैयारी का वक्त नहीं मिल पाता।

No comments:

Post a Comment

Note: only a member of this blog may post a comment.