महाभियोग पर कांग्रेस को झटका, पार्टी के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने कहा- मैं इस चर्चा में शामिल नहीं
कपिल सिब्बल और सलमान खुर्शीद (फाइल)
हाइलाइट्स
- सलमान खुर्शीद चीफ जस्टिस के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव के विरोध में
- कहा- मैं इस प्रस्ताव पर चर्चा में शामिल नहीं, महाभियोग एक गंभीर मामला
- 'किसी फैसले या कोर्ट के नजरिए से असहमति इसका आधार नहीं'
- कांग्रेस पार्टी ने कई विपक्षी दलों के साथ दिया है महाभियोग का नोटिस
नई दिल्ली
चीफ जस्टिस के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पर कांग्रेस पार्टी में ही फूट पड़ गई है। पार्टी के वरिष्ठ नेता और वकील सलमान खुर्शीद ने महाभियोग प्रस्ताव पर अपनी ही पार्टी के फैसले का विरोध किया है। उन्होंने कहा, 'महाभियोग एक गंभीर मामला है। मैं चीफ जस्टिस के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पर चर्चा में शामिल नहीं हूं।' सूत्रों की मानें तो कांग्रेस के कई नेता इस प्रस्ताव के समर्थन में नहीं हैं।
खुर्शीद ने कहा कि 'न्यायपालिका से हर कोई सहमत नहीं हो सकता है, यहां तक कि खुद न्यायपालिका के जज आपस में सहमत नहीं होते हैं। कोर्ट के फैसले भी पलट दिए जाते हैं।' पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने चीफ जस्टिस के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पर हस्ताक्षर नहीं किया है, इस सवाल पर कांग्रेस के नेता कपिल सिब्बल ने साफ कहा कि यह बिल्कुल झूठ बात है।
गौरतलब है कि इससे ठीक पहले कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी दी थी कि राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद के नेतृत्व में विपक्षी नेताओं ने महाभियोग प्रस्ताव का नोटिस उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू को सौंपा है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा कि 'मेरे लिए यह कहना कि महाभियोग का आधार उचित है या नहीं, ठीक नहीं होगा क्योंकि मैं उस चर्चा में शामिल नहीं हूं, जो पार्टियों के बीच जारी है।' उन्होंने कहा, 'मुझे उम्मीद है और पूरा विश्वास भी कि यह नहीं होगा।'
खुर्शीद ने बताई अपनी विडंबना
महाभियोग पर एक चैनल से बातचीत में पूर्व कानून मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा, 'मुझे इसके बारे में कोई निजी जानकारी नहीं है। मैं मानता हूं कि जो चर्चा हुई है उसमें लोकसभा और राज्यसभा के सांसदों के बीच का निर्णय शामिल है।' उन्होंने कहा, 'क्या आधार बनाया गया है, मुझे ज्यादा जानकारी नहीं है। मेरी एक विडंबना है। मैं कोर्ट का सम्मान करता हूं, कोर्ट से जुड़ा हुआ है, कोर्ट में अपनी बात रखता हूं। दूसरी तरफ पार्टी और उसके लोग है जो अपनी चिंता रख रहे हैं। मैं इतना ही कह सकता हूं कि देश के सामने कई बड़ी समस्याएं हैं। देश की संस्थाओं के बीच मतभेद की स्थिति ठीक नहीं है।'
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