Monday, 23 April 2018

चौहान से परेशान पब्लिक बोली: दिग्विजय सिंह से तो शिवराज ही ठीक है



भोपाल। मप्र की जनता सीएम शिवराज सिंह चैहान से नाराज है। पिछले 5 सालों में कई संगठन सड़कों पर उतरे। सोशल मीडिया पर शिवराज सिंह विरोधी लहर दिखाई दे रही है परंतु चैहान से परेशान पब्लिक के दर्द का पैमाना किया गया तो चैंकाने वाले परिणाम सामने आए।भोपालसमाचार.कॉम ने आॅनलाइन सर्वे में पब्लिक ने दिग्विजय सिंह की तुलना में शिवराज सिंह को पसंद किया है। आॅनलाइन पोल में शिवराज सिंह को 58ः वोट मिले जबकि नर्मदा परिक्रमा करके लौटे दिग्विजय सिंह 42ः पर ही ठहर कर रह गए। 

आॅनलाइन पब्लिक पोल का विवरण
यह पब्लिक पोल 16 अप्रैल 2018 को शुरू किया गया था एवं लगातार 7 दिन तक चला। इस दौरान 85652 लोगों के सामने यह सवाल रखा गया। 4300 लोगों ने वोट डाले और 1000 से ज्यादा लोगों ने प्रतिक्रियाएं दर्ज कराई। आॅनलाइन सर्वे को भोपाल समाचार के 750 से ज्यादा पाठकों ने पब्लिक के बीच पहुंचाया। पब्लिक ने सीएम शिवराज सिंह को 58ः वोट दिए जबकि दिग्विजय सिंह को 42ः वोटों पर ही संतोष करना पड़ा। 

क्यों कराया गया सर्वे
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने नर्मदा परिक्रमा के बाद मप्र की राजनीति में सक्रिय होने का ऐलान किया है। हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया कि वो मुख्यमंत्री पद के दावेदार नहीं हैं परंतु उनके सक्रिय हो जाने का तात्पर्य यही है कि यदि कांग्रेस की सरकार बनी तो मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह गुट से ही होगा और दिग्विजय सिंह के रिमोट पर सरकार चलेगी। कांग्रेस हाईकमान ने भी संकेत दिए हैं कि मप्र में कांग्रेस का कोई चेहरा नहीं होगा। 2008 एवं 2013 के चुनाव इस बात के गवाह हैं कि यदि मप्र में कांग्रेस का कोई चेहरा नहीं होता तो दिग्विजय सिंह अपने आप कांग्रेस का चेहरा समझ लिए जाते हैं। 
इसके अलावा दिग्विजय सिंह के समर्थकों का दावा था कि जनता दिग्विजय सिंह से परेशान नहीं थी बल्कि भ्रमित हो गई थी। वो शिवराज सिंह से इतनी ज्यादा परेशान है कि हर हाल में भाजपा के खिलाफ वोट करेगी। 

आॅनलाइन पोल में गड़बड़ी भी तो हो सकती है
आॅनलाइन पोल में जब किसी की पसंद के नतीजे नहीं आते तो वो बड़ी ही आसानी से कह देता है कि यह सर्वे प्रायोजित है परंतु हम यहां दावा करते हैं कि यह सर्वे किसी भी तरह से प्रायोजित नहीं था। इस सर्वे को किसी भी प्रकार से प्रायोजित नहीं किया जा सकता। इस सर्वे में भोपालसमाचार.कॉम के साथ फेसबुक का तकनीकी सहयोग लिया गया है। किसी भी स्थिति में किसी भी वोट को इधर से उधर नहीं किया जा सकता। 


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