भोपाल। मप्र कांग्रेस में 26 अप्रैल 2018 का दिन एतिहासिक था। पार्टी में उस समय नेतृत्व परिवर्तन हुआ जब तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव ने दिल्ली से लौटकर ऐसी सभी खबरों को खारिज कर दिया था। कमलनाथ को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया तो ज्योतिरादित्य सिंधिया को चुनाव अभियान समिति का अध्यक्ष। माहाकौशल में जश्न, ग्वालियर में मायूसी और निमाड़ में नाराजगी थी। कमलनाथ को प्रदेश भर के नेताओं ने बधाईयां दीं। यहां तक कि भाजपा नेता एवं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह और प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने भी बधाई दी परंतु दिग्विजय सिंह इस पूरे परिदृश्य से लापता थे। ना तो उन्होंने कमलनाथ को बधाई दी और ना ही सिंधिया को आशीर्वाद।
दिग्विजय सिंह नहीं चाहते थे कोई परिवर्तन हो
दरअसल, दिग्विजय सिंह नहीं चाहते थे कि कोई परिवर्तन हो। अब हालात यह बन गए हैं कि यदि सीएम कैंडिडेट घोषित नहीं भी किया जाता तो कांग्रेस की ओर से दावेदार दोनों में से ही कोई एक होगा। नेताप्रतिपक्ष अजय सिंह की भी ऐसी कोई इच्छा नहीं थी लेकिन जब परिवर्तन हुआ तो उन्होंने दुनिया को दिखाने के लिए ही सही, सभी नवनियुक्त पदाधिकारियों को बधाई दी।
अब क्या करेंगे दिग्विजय सिंह
दिग्विजय सिंह चाहते थे कि वो संगठन में काम करने के नाम पर मप्र में सक्रिय रहें लेकिन राहुल गांधी की तरफ से जारी लिस्ट में उनका कहीं कोई नाम नहीं है। सवाल यह है कि अब दिग्विजय सिंह क्या करेंगे। उन्हे नजदीक से जानने वाले कहते हैं कि दिग्विजय सिंह वो कांग्रेस की नदी हैं जो अपना रास्ता खुद बना लेती है। देखना रोचक होगा कि दिग्गीदादा अब क्या करेंगे।
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