हिमाचल के कांगड़ा जिले के नूरपुर में एक स्कूल बस के खाई में गिरने से 30 लोगों की मौत हो गई. मरने वालों में 27 बच्चे थे. इन सभी का अंतिम संस्कार कल हुआ.
मरने वाले लोगों में सबसे ज्यादा 13 बच्चे खुवाड़ा से थे. जब इन बच्चों की अंतिम यात्रा निकली तो हर घर में मातम छा गया. लोगों ने अपनी दुकानें बंद रखी
हर तरफ मायूसी छाई रही. हजारों की तादाद में लोग इस अंतिम यात्रा में शामिल होने के लिए पहुंचे.
मालूम हो कि खवाड़ा करीब 50 परिवारों का गांव है, लेकिन 12 शवों वाले इस गांव में बलोरियां और पठानिया दो अलग-अलग बस्तियों में 12 शवों का एक साथ अंतिम संस्कार किया गया.
इस गांव में रहने वाले 70 फीसदी लोग आसपास के नहीं हैं. दूर-दूर से जिसे भी इनका पता चला वे इस गांव में दौड़े चले आए.
नाले के एक तरफ चार और दूसरी तरफ तलहटी पर 8 अलग-अलग शवों को एक साथ ही मुखाग्नि दी गई. लोग वहां बिलख-बिलख कर रो रहे थे.
इतने सारे घरों के चिरागों के लिए रोते परिजनों को जिसने देखा, उसका जा मुंह को आ गया. कुछ बच्चों के साथ उनकी स्कूल ड्रेस भी लोगों ने चिता पर रखी.
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