Thursday 26 April 2018

कुशीनगर हादसा: ड्राइवर ने लगाया था ईयरफोन, नहीं सुनी ट्रेन की आवाज

कुशीनगर में हादसा

उत्तर प्रदेश में एक बार फिर मानव रहित रेलवे कॉसिंग पर बड़ा हादसा सामने आया है. कुशीनगर के दुदही रेलवे क्रासिंग पर स्कूल वैन (टाटा मैजिक) ट्रेन की चपेट में आ गई. इस हादसे में 13 बच्‍चों की मौत हो गई. वहीं, करीब 7 बच्‍चे घायल हैं. इस हादसे में ड्राइवर की भी मौत हुई है. इस हादसे के बाद से एक बार फिर ये सवाल उठने लगे हैं कि आखिर इसमें किसकी लापरवाही है. वहीं, शुरुआती जानकारी में सामने आ रही है कि ड्राइवर ने गेट मित्र की बात को अनसुना किया, जिस वजह से ये हादसा हुआ. 

ड्राइवर ने नहीं सुनी गेट मित्र की आवाज!

जानकारी के मुताबिक, इस हादसे में लोग स्‍कूल वैन के ड्राइवर की लापरवाही का जिक्र कर रहे हैं. ऐसा बताया जा रहा है कि स्‍कूल वैन के ड्राइवर ने सामने से आती ट्रेन को देखने के बावजूद भी जल्‍दबाजी के चक्‍कर में कॉसिंग पार करनी चाही. इसी दौरान ये हादसा हो गया. रेलवे का कहना है कि कॉसिंग पर गेट मित्र मौजूद था और उसने ड्राइवर को रुकने का इशारा भी किया, लेकिन ड्राइवर ने उसके इशारे की ओर ध्‍यान नहीं दिया. साथ ही ये बात भी सामने आ रही है कि ड्राइवर ने इयरफोन लगाया हुआ था, जिस कारण उसे ट्रेन की आवाज भी नहीं सुनाई दी.

क्‍या रेलवे प्रशासन की है लापरवाही?

वहीं, इस हादसे के बाद से रेलवे प्रशासन की लापरवाही का भी जिक्र हो रहा है. लोगों को कहना है कि मानव रहित फाटक होने की वजह से ये हादसा हुआ. अगर यहां कोई होता तो इतना बड़ा हादसा न होता. हालांकि, रेलवे का कहना है कि इस कॉसिंग पर गेट मित्र को लगाया गया था. उसने स्‍कूल वैन को रोकने की कोशिश भी की, लेकिन स्‍कूल वैन के ड्राइवर ने उसको अनदेखा कर दिया. फिलहाल इस मामले में अभी जांच होनी है और उसके बाद ही असल लापरवाही का पता चल सकेगा.

पहले भी होते रहे हैं हादसे

बता दें, यूपी में इससे पहले भी इस तरह के हादसे सामने आते रहे हैं. 2016 में भदोही के पास बच्चों से भरी स्‍कूल वैन ट्रेन की चपेट में आ गई थी. इस हादसे में 10 बच्चों की मौत हो गई और कई गंभीर रूप से घायल हो गए थे. उस वैन में करीब 19 बच्‍चे सवार थे. उस वक्‍त हादसे की वजह स्‍कूल वैन के ड्राइवर की लापरवाही को बताया गया था.

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