इंदौर। एपीसीआर (एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स) ने पीड़ितों के लिए कानूनी आवश्यकताओं और न्याय के रास्ते में आने वाली चुनौतियों पर केंद्रित एक कार्यक्रम "द परस्यूट ऑफ लीगल जस्टिस" का आयोजन किया। कार्यक्रम में सम्मानित अतिथि वक्ता और सेवानिवृत्त उच्च न्यायालय के न्यायाधीश, न्यायमूर्ति अभय एम थिप्से उपस्थित थे, जो गुजरात दंगों में बेस्ट बेकरी मामले और सोहराबुद्दीन मुठभेड़ मामले सहित महत्वपूर्ण मामलों में अपने फैसलों के लिए प्रसिद्ध हैं।
जस्टिस थिप्से ने वर्तमान समय में कानूनी मुद्दों से निपटने और कानून के दायरे में कानूनी लड़ाई लड़ने पर अपने विचार व्यक्त किए। एपीसीआर के राष्ट्रीय सचिव नदीम खान ने एपीसीआर के कानूनी कार्यों की एक राष्ट्रीय रिपोर्ट प्रस्तुत की। उन्होंने कहा, ''मुसलमानों को किसी भी तरह से हतोत्साहित और निराश महसूस नहीं करना चाहिए। हम कानूनी तौर पर कानून के दायरे में रहकर यह लड़ाई लड़ सकते हैं।' हमारे हिंदू भाई उत्पीड़न के खिलाफ हमारे साथ एकजुटता से खड़े हैं।''
एपीसीआर के राज्य सेक्रेटरी जावेद अख्तर साहब ने अपनी बात रखी, साथ ही एपीसीआर के नौशाद मंसूरी ने एपीसीआर मध्य प्रदेश चैप्टर द्वारा की गई पहल और उपायों पर प्रकाश डालते हुए एक रिपोर्ट प्रस्तुत की, साथ ही इंदौर जिला अध्यक्ष तारिक शैख़ ने इंदौर की रिपोर्ट प्रस्तुत की।
कार्यक्रम का आयोजन एपीसीआर राज्य समन्वयक ज़ैद पठान, एपीसीआर मध्यप्रदेश और इंदौर की टीम द्वारा किया गया और इसमें मध्यप्रदेश के मालवा-निमाड़ के ईलाको से विभिन्न क्षेत्रों के सामाजिक कार्यकर्ताओं, अधिवक्ताओं, प्रमुख मुस्लिम ओलमाओ और शहरकाजीयो ने भाग लिया।
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.