देवास। कर्ज से परेशान होकर एक व्यक्ति ने अपनी दुकान पर फांसी लगाकर जान दे दी। मृतक व्यक्ति ने बैंक से बड़ी रकम लोन ले कर चिटफंड कंपनी में लगाई थी, लेकिन चिटफंड कंपनी ने उसके साथ धोखाधड़ी की, जिससे मृतक व्यक्ति की सारी रकम डूब गई। वहीं बैंक वाले भी मृतक पर दबाव बना रहे थे जिससे परेशान होकर उसने आत्महत्या कर जीवन लीला समाप्त कर ली। सूचना मिलने पर कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची और शव जिला अस्पताल पहुंचाया गया। जहां पोस्टमार्टम कर शव परिजनों को सौंप दिया गया।
रितेश पिता दत्तात्रय देशमुख उम्र 42 निवासी विश्वकर्मा नगर ने अपनी दुकान पर बीती रात फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। मृतक एबी रोड़ पर बैंक कियोस्क संचालित करता था। जब रितेश देर रात तक अपने घर नहीं पहुंचा तो परिजनों का चिंता हुई। जिस पर परिजन दुकान पर पहुंचे जहां दुकान में रितेश फांसी पर लटकता हुआ मिला। कोतवाली पुलिस ने मर्ग कायम कर मामले को जांच में लिया है। मृतक के पिता दत्तात्रय देशमुख ने बताया कि रितेश ने दो वर्ष पहले इंदौर की एमएमटीसीएस लुपचुप चिटफंड कंपनी में रुपए लगाए थे। जिसके लिए बैंक से लोन भी लिया था। बैंक से 25 लाख रूपए का लोन था बैंक के लोग रितेश पर परस्पर दबाव बना रहे थे। कुछ कर्जा तो रितेश ने उतार दिया था। किंतु करीब 18-19 लाख रूपए का कर्ज और था। वहीं इंदौर की एमएमटीसीएस लुपचुप चिटफंड कंपनी के लोगों ने भी कोई पैसा नहीं दिया और धोखाधड़ी की गई है। कल रात 9 बजे तक रितेश से आखरी बार बात हुई थी। देर रात को वह घर नहीं पहुंचा तो मैं दुकान पर गया था लेकिन दुकान के सामने वाहन देखकर में वापस घर आ गया। मैंने सोचा वाहन यहां रखकर कही गया होगा। दुकान के सामने लगे सीसीटीवी कैमरों में रितेश दिखाई दिया उसके बाद उसने अंदर से दुकान बंद कर ली। इसी दौरान उसने दुकान के अंदर फांसी लगा ली। मृतक का एक बेटा और एक बेटी है।
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