![]() |
उज्जैन रोड़ ब्रिज पर लगा हुआ झंडा, जिसे पुलिस द्वारा समझाइश देने के बाद निकाल दिया गया |
- नौमान अशरफी बिगाड़ना चाहते हैं शहर का माहौल?
- नौमान को काजी किसने बनाया?
देवास। उज्जैन रोड़ ब्रिज पर मोहर्रम का झंडा लगाने वाले युवक ने कहा कि मुझे काजी नौमान ने कहा है, झंडा मत निकालना में देख लूंगा। युवक को शिकायत के बाद पुलिस ने झंडा निकालने की समझाईश दी। मामला बुधवार 11 अगस्त का है। युवक झंडा निकालने के पहले अपने आप को काजी कहने वाले नौमान अशरफी के पास पहुंचा, नौमान अशरफी कहते हैं झंडा मत निकालना में देख लूंगा... यह देख लेने का मतलब क्या है? शांत शहर देवास का माहौल बिगाड़ना चाहता है। शहर के शांत माहौल को बिगाड़ने की कोशिश की जा रही है। शहर के मुस्लिम बुद्धिजीवी के रहे है कि इसके पहले भी ईद ए मिलाद उन नबी के जुलूस को लेकर माहौल बिगाड़ने की कोशिश की गई थी मगर प्रशासन ने मौका देखते हुए माहौल को संभाला था। नौमान को काजी किसने बनाया?
शहर के सार्वजनिक ब्रिज पर झंडा लगवाने से दूसरे पक्ष को भी मिलेगा प्रोत्साहन। आने वाले त्यौहार बन सकते हैं विवाद का कारण। जूनियर शहर काजी अब्दुल कलाम ने ब्रिज पर झंडा लगाने को गलत बताया। कहा सार्वजनिक, शासकीय संपत्तियों पर परचम नहीं लगाना चाहिए। प्रशासन को इस तरह के कार्य पर कड़ी कार्रवाई करना चाहिए।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
टिप्पणी: केवल इस ब्लॉग का सदस्य टिप्पणी भेज सकता है.