Tuesday 3 August 2021

Dewas - स्वास्थ्य विभाग में लाखों का टेबलेट खरीदी घोटाला, साढ़े 6 हजार का टेबलेट ख़रीदा साढ़े 10 हजार में | Kosar Express

 



  • जेम पोर्टल की आड़ में बड़ा कारनामा
  • आशा कार्यकर्ताओं को बांटे गए हैं टेबलेट
  • 15 दिन भी ठीक से नहीं चले, कई ने किए वापस
  • करीब आधा दर्जन आशा कार्यकर्ताओं ने सीएमएचओ को की लिखित शिकायत




देवास के स्वास्थ्य विभाग द्वारा जेम पोर्टल की आड़ में लाखों रुपए का टेबलेट खरीदी घोटाला सामने आया है। ऑनलाइन शॉपिंग साइट पर ₹6600 में मिलने वाला टेबलेट यहां ₹10500 में खरीद लिया गया। सूत्रों की माने तो यहां टेबलेट की खरीदी पहले ही कर ली गई थी लेकिन मामला उजागर होते देख जेम पोर्टल को माध्यम बनाया गया है। हैरानी की बात तो यह है कि देवास जिले में ग्रामीण क्षेत्र की आशा सहयोगिनियों के बैंक खाते में टेबलेट खरीदी के लिए करीब साढ़े दस हजार रुपए की नगद राशि डाली गई है, जबकि शहरी क्षेत्र की 97 आशा कार्यकर्ताओं को यह टेबलेट खरीद कर दिया गया है। देवास सीएमएचओ डॉक्टर एम के शर्मा ने टेबलेट खरीदी में किसी भी प्रकार के भ्रष्टाचार होने की बात से साफ इनकार किया है। 


सरकार आशा कार्यकर्ताओं के कार्य को पेनलेस पेपरलेस करने जा रही है। इसके लिए सभी CHO, ANM, आशा कार्यकर्ता और आशा सहयोगिनियों को टैबलेट दे रही है। देवास जिले में भी इसके लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की तरफ से बड़ा बजट आया। सूत्र बताते हैं देवास में टैबलेट खरीदी में बड़ा घोटाला कर दिया गया। अमेजन जैसी शॉपिंग साइट पर 6600 रुपए में मिलने वाला टेबलेट ₹10500 में खरीदा गया। खरीदे गए घटिया टेबलेट देवास शहर की सभी 97 आशा कार्यकर्ताओं को वितरित किए गए। आशा कार्यकर्ताओं को दिए गए टेबलेट ऐसे हैं कि उनकी बैटरी आधे घंटे भी नहीं चल पा रही है। कईयों आशा कार्यकर्ताओं की टेबलेट तो 17 परसेंट से ज्यादा चार्ज ही नहीं हो पा रहे हैं। टैबलेट में ठीक ढंग से कोई ऐप ओपन नहीं होता। ऐसी समस्याओं को देखते हुए कई आशा कार्यकर्ताओं ने अपने टेबलेट सीएमएचओ कार्यालय में लाकर सीपीओ को वापस कर दिए। आधा दर्जन से अधिक आशा कार्यकर्ताओं ने सीएमएचओ को लिखित शिकायतें की हैं। इस बात की पुष्टि स्वयं सीएमएचओ डॉक्टर एनके शर्मा भी करते हैं। लेकिन सीएमएचओ टेबलेट खराब होने की बात को यह कह कर नकारते नजर आए आशा कार्यकर्ताओं को टेबलेट चलाना ही नहीं आता वह कम पढ़ी-लिखी हैं इसलिए उन्हें टेबलेट चलाने की ट्रेनिंग दी जाने की बात करते हैं। 

टेबलेट खरीदी में भ्रष्टाचार होने की बात से भी वे साफ इंकार करते हुए कहते हैं कि उन्होंने शासन की गाइडलाइन के मुताबिक जेम पोर्टल से टेबलेट खरीदी की है वह बाजार में कम दामों में बिकता है यह बात तो मानते हैं लेकिन कहते हैं की बाजार भाव से खरीदी में कोई लेना देना नहीं होता उन्हें टेबलेट जेम पोर्टल से ही खरीदना थे इसलिए खरीदे गए हैं वह महंगे हैं यह अलग बात है। 

जेम पोर्टल की आड़ में इस तरह से घटिया टेबलेट की खरीदी की गई। 97 टेबलेट खरीदे गए। यह टेबलेट शहरी आशा कार्यकर्ताओं को दिए गए। एक अधिकारी के मुताबिक जिले के ही ग्रामीण क्षेत्र में आशा सहयोगिनीयों को टेबलेट खरीदी के लिए उनके बैंक खातों में पैसे डाले गए हैं। जब सीएमएचओ डॉ एमके शर्मा से सवाल किया गया कि जब ग्रामीण क्षेत्र की आशा सहयोगिनियों को उनके खाते में पैसे डाले गए हैं तो फिर शहरी क्षेत्र की आशा कार्यकर्ताओं के खातों में पैसे क्यों नहीं डाले गए तो उनका कहना था कि शासन की गाइड लाइन में टेबलेट खरीद कर दिए जाने के आदेश हैं। 

कितनी बड़ी विडंबना है कि टेबलेट खरीद कर दिए जाने के आदेश शहरी क्षेत्र की आशा कार्यकर्ताओं पर तो लागू होता है किंतु जिले की ही ग्रामीण क्षेत्र की आशा सहयोगिनियों पर लागू नहीं होता। इस पूरे मामले में बड़े घोटाले की बू नजर आती है। 

सूत्र बताते हैं कि मामला उजागर होते ही आशा कार्यकर्ताओं से टेबलेट वापस बुलाए जा रहे हैं और शिकायतकर्ता आशा कार्यकर्ताओं पर शिकायत वापस लेने का दबाव बनाया जा रहा है।



No comments:

Post a Comment

Note: only a member of this blog may post a comment.