- खाकी पर अंगुली उठाने वाले स्वामी और बलात्कार के आरोपी को दुर्गोत्सव समिति और दो बेटियों सहित स्वामी जी ने आईना दिखाया
- देवास एसपी को और अजाक थाने पर आवेदन देकर कड़ी कार्रवाई की मांग
देवास। लॉकडाउन मे सेवा, सद्भावन और परस्पर सहयोग के वातावरण मे भी कुछ लोग बिना किसी आधार या प्रमाण के वर्दी के वरदानों और बेटियों के सहयोगियों पर पर झूठे आरोप लगाकर मुस्लिम समाज के लिये आपत्तिजनक भाषा का उपयोग करते हुए खाकी को भी बदनाम करने का प्रयास कर रहे हैं।
यह बात पुलिस अधीक्षक डॉक्टर शिवदयालसिंह को ज्ञापन देकर जांच और कार्रवाई की मांग करने वाले चामुण्डा टेकरी धूनी गुफा के स्वामी माधवानंद गिरी जी, शारदा नवदुर्गा उत्सव समिति के अध्यक्ष सुगनलाल तिवारी और प्रताड़ित बेटियों के परिवार से पत्रकारों की चर्चा मे सामने आई।
यहां बताया गया कि उज्जैन मे बलात्कार के आरोपी जगदीश परमार द्वारा कथित महामण्डलेश्वर शेखर के हवाले से समाजसेवी एएसआय स्वर्गीय फारुख खान ,उनके बेटे प्रधान आरक्षक फिरोज खान, एएसआय बेटे जावेद खान पर हिन्दू लडकियों के साथ पुलिस लाईन मे शोषण, अय्याशी और पार्टी करने के गंभीर आरोप लगाकर योजनाबद्ध व्हाटस् एप समूह और सोशल मीडिया पर वायरल किया गया। बिना मंदिर और अखाड़े के बताए जा रहे कथित महामण्डालेश्वर शेखर का विडियो भी बलात्कार के आरोपी जगदीश परमार द्वारा अपने लेखन के साथ डाला है जो पत्रकारों को दिया गया। इस विडियो मे शेखर स्वामी फिरोज खान,जावेद और उनके पापा सहित पुलिस विभाग के शकील कुरैशी पर भी गन्दे आरोप लगाते हुए, मुस्लिमों के लिए आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग कर हिन्दू संगठनों के नाम से कार्रवाई की चेतावनी भी दे रहे हैं।
शारदा नवदुर्गोउत्सव समिति के अध्यक्ष और उनके साथ उपस्थित स्वामी माधवानंद जी गिरी ने बताया कि स्वर्गीय एएसआय फारुख खान साहब को वह वर्षों से जानते हैं। वह मंगलवार को मंदिर मे चोला चढ़वाने सहित अनेक धार्मिक और सामाजिक आयोजनों मे सहयोगी रहते थे। जिन लड़कियों का नाम अय्याशी के लिये लिया जा रहा है वह वास्तव मे उनके यहां काम करने वाली एक गरीब महिला की हैं, जिनका विवाह खान परिवार ने अपनी बेटियों की तरह अपने खर्च से किया है। अपनी कामवाली बाई रेखा लोणखेड़े की एक बेटी रानू का विवाह फारुख साहब ने 15 वर्ष पूर्व सात साल के बच्चे को गोद लेकर, बेटे की तरह पालन किये संतोष पिता अनिल शेगोकर से कराया और उनके रहने की व्यवस्था कर रोजगार से भी लगाया। रानू की एक बहन का विवाह श्रीराज कारपेन्टर से कराया गया। यह विवाह हिन्दू लड़कियों का हिन्दू युवकों से ही हिन्दू रीति रिवाज से कराया गया। इस विवाह मे आठ दस लाख रुपये फारुख खान साहब के परिवार ने खर्च कर सद्भावना और मानवता का आदर्श प्रेरक उदाहरण देकर, गरीब बेटे बेटियों का घर बसाया। इस विवाह मे विधायक से लेकर भाजपा के वरिष्ठ नेता विजय पंडित, पार्षद, पत्रकार, पुलिस अधिकारी और गणमान्य भी शामिल थे और खान परिवार की प्रशंसा कर रहे थे। यहां रेखा लोणखेड़े आंखों मे आंसु लिए खान परिवार के प्रति कृतज्ञता प्रकट करते हुए खुश थी कि उसकी बेटियों का इतना भव्य विवाह करने वालों ने उसे कभी जाति-धर्म का एहसास नहीं कराया, भाई का फर्ज भी निभाया और समाज मे मान भी बढ़ाया।
बताया गया कि अब ऐसे धार्मिक प्रवृत्ति के पुलिसकर्मियों, समाजसेवियों की छवि धुमिल करने के उद्देश्य से कथित महामंडलेश्वर शेखर द्वारा सोशल मीडिया पर झूठा मैसेज वायरल कर दलित बलाई बेटियों को मानसिक और सामाजिक पीड़ा दी गई है। परिजन भी तनाव मे हैं। समाज और धर्म के ठेकेदार बनने वालों को उनके रहने,खाने और सुरक्षा की व्यवस्था करना चाहिए। नहीं हो तो दूसरे समाजसेवियों पर आरोप भी नहीं लगाना चाहिए।
पीड़ित परिवार, समर्थक शारदा नवदुर्गा समिति और स्वामी माधवानंद गिरी जी ने पुलिस अधीक्षक सहित अजाक थाने मे शिकायत कर अपना ईमानदार फर्ज निभाया है। खान परिवार को फरिश्ता और देवता बताया है। अब देखना है की झूठा आरौप लगाकर माहौल को जहरीला और गरीब बेटियों को बदनाम करने वालों पर क्या कार्रवाई होती है?
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