- अस्पताल के आई.डी.एसपी जिला कार्यालय पर आर्मी भर्ती के लिए पहुंचे युवा कोविड रिपोर्ट लेने के लिए खा रहे धक्के
- 4 से 5 पुलिसकर्मी मौजूद
- भीड़ को संभलना पड़ रहा मुश्किल
- 2 दिन से रिपोर्ट के लिए धक्के खा रहे युवा
- सैम्पल रिपोर्ट 2 से 3 दिन तक पेंडिंग
- कुशाभाऊ ठाकरे स्टेडियम में कल ही है आर्मी की भर्ती
- सैम्पल रिपोर्ट ना आने से कई आर्मी के युवा होंगे भर्ती से वंछित
- डॉ.बोले व्यवस्था नहीं, कौन पॉजिटिव कौन नेगेटिव कह नहीं सकते, हालांकि अभी तक नहीं आया कोई पॉजिटिव
- ऐसे में कई युवा कर सकते है एक दूसरे को संक्रमित
- एक पॉजिटिव भी बना सकता है कोरोना बूस्टर
- प्रशासन के सामने उड़ा रहे सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां प्रशासन वहीं बना रहा मूक दर्शक
देवास। जिस तरह से सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क के लिए सरकार प्रयासरत है वहीं प्रशासन का अनदेखा रवैया देवास के जिला अस्पताल में मूक दर्शक बना हुआ है। देवास जिले में आर्मी की भर्ती में युवाओं की भीड़ लगी है। वहीं कुशाभाऊ ठाकरे स्टेडियम में आर्मी की भर्ती होने के चलते देवास जिले के कई युवा देवास शहर में आए हुए हैं। आर्मी में भर्ती के पूर्व जिन्हें कोरोना रिपोर्ट देना पड़ रही है। ऐसे में कई जिला अस्पताल के सेक्टर 2 में एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम में मौजूद हैं। जो की भारी तादाद में कोरोना की रिपोर्ट के लिए एमजी अस्पताल के आई.डी.एसपी जिला कार्यालय में है लाइन में सुबह से धक्के खा रहे है। सुरक्षा व्यवस्था की दृष्टि से यहां मात्र 4 से 5 पुलिसकर्मी मौजूद है जो डंडे से डराते है या फिर डांटकर सही लाइन करवा रहे है। आर्मी की भर्ती में पहुंचे युवाओं की भीड़ सैकड़ों की तादाद में है जिसके चलते धक्का-मुक्की आम सी दिखाई पड़ रही है। जिससे पुलिस को भीड़ संभलना मुश्किल पड़ रहा है।
वही देखा जाए तो 20 मार्च यानी कि कल ही आर्मी की भर्ती है जिसमें युवाओं कल दौड़ लगाना है और युवा इस तरह से यहां पर धक्के खा रहे हैं तो युवा आराम करने की जगह लाइन में लगकर अपनी रिपोर्ट के लिए शुभ मंगल की कामना कर रहे है। ऐसे में सुबह 9:00 बजे से वह रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं और यह सिलसिला शाम तक यूंही चलता रहेगा।
इधर डॉक्टर का कहना है की किसी भी प्रकार की कोई व्यवस्था प्रशासन के द्वारा नहीं कि गयी है। अनावश्यक रूप से यहां पर भीड़ हो रही है। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि जिस किसी युवा की रिपोर्ट पॉजिटिव आएगी उसे जिला चिकित्सालय में उपचार के लिए भर्ती किया जाएगा। लेकिन समझने वाली बात यह है कि इतनी भीड़ में किसी भी युवा को यह नहीं मालूम कि उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव है या नेगेटिव, और ऐसे में एक दूसरे से संक्रमित होने का भय परस्पर बना हुआ है।
देखा जाए तो आर्मी के लिए युवाओं का जोश कोरोना संक्रमण का कारण ना बन जाए जिस तरह से सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाई जा रही है। उससे प्रशासन बेसुध है और मात्र चार पांच पुलिसकर्मी जिसके लिए लगाए गए है। ऐसे में यहां पर कई सवाल उठते हैं। जैसे कि एक पॉजिटिव भी निकलता है तो कोरोना बूस्टर बन सकता है।
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