देवास। शहर के मल्हार और तोड़ी क्षेत्र शमशान रोड़ आदि स्थानों पर कृषि भूमि को बिना रूपांतरण और बिना अनुमति आवासीय कालोनिया विकसित की जा रही है। चूंकि इन भूमाफियाओं द्वारा किसी भी तरह की परमिशन नही ली होती है, जिससे सरकार के राजस्व का नुकसान हो रहा है। ये कालोनियां काटने वाले रजिस्टर्ड कालोनाइजर नही है ना ही इनके पास कोई लायसेंस है। ये खेत को खरीद कर चुना डाल कर प्लाटों के रूप में बेच रहे है और शासन को टैक्स का चूना लगा रहे है एक प्लाट दो दो व्यक्तियों को बेच दिया जाता है। इन अवैध कालोनियों में मूलभूत सुविधा जैसे सड़क, पानी, ड्रेनेज और लाइट की व्यवस्था के कोई इंतज़ाम नही। अब सवाल उठता है कि क्या इन लोगो ने सम्बंधित विभाग नगर निगम और टाउन एन्ड कंट्री प्लानिंग विभाग से कोई स्वीकृति ली है? यदि ली है तो इन कालोनियों की स्थिति दयनीय क्यों है? और यदि इन कालोनियों की स्वीकृति नही ली गई है तो सम्बंधित विभाग इन पर कोई कार्यवाही क्यों नही कर रहे? क्या ये किसी मिली भगत की ओर इशारा है। इन कालोनाइजरो के द्वारा गरीब वर्ग के लोगो को खुद का मकान का लालच देकर पहले बयाने के तौर पर मोटी रकम जमा करवा ली जाती है बाद में मनमानी की जाती है गरीब प्लाट खरीदने वाला किसी तरह का विरोध करता है तो उसके बयाने की रकम को डुबो दिया जाता है। इसी तरह की धोखा धड़ी की कई शिकायतें लगातार मिल रही थी जिसके कारण देवास जिला कांग्रेस अल्पसंख्यक(ग्रामीण) द्वारा इस मुद्दे जो उठाने का निर्णय लिया गया है जिसमे एक हेल्पलाइन नम्बर जारी किया जाएगा और आ रही शिकायतों के निराकरण के लिए उचित वैधानिक कार्यवाही करवाई जाएगी।
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