देवास। दिनांक 29.11.2018 को उत्तरजीवी, उसकी मामी, मामी के पापा, उत्तरजीवी की बड़ी बहन एवं उत्तरजीवी की मौसी, बड़नगर उज्जैन से उत्तरजीवी की मामी के बड़े ससुर का कार्यक्रम होने से उनके ससुराल हाटपिपल्या जा रहे थे। बस स्टेण्ड देवास पर शाम करीब 4.30 बजे पहुंचे तो उत्तरजीवी की मामी ने बोला कि उसे बाथरूम जाना है तथा यह कहकर उत्तरजीवी के साथ बाथरूम हेतु सुलभ कॉम्पलेक्स चली गई। करीब 15 से 20 मिनट बाद तक उत्तरजीवी की मामी व उत्तरजीवी वापस नही आये तो उत्तरजीवी की मामी के पिता ने उत्तरजीवी की बहन को देखने के लिये बोला किन्तु उत्तरजीवी व उसकी मामी नही मिली, फिर उत्तरजीवी की मामी का फोन लगाने पर बन्द आया उसके बाद आसपास तलाश करने पर भी उत्तरजीवी व उसकी मामी का कोई पता नही चला जिसके पश्चात़ उत्तरजीवी की मामी के पिता की सूचना पर थाना कोतवाली पर दिनांक 29.11.2018 को गुमइंशान की सूचना दर्ज करायी गई। उक्त गुमइंशान की जांच के दौरान दिनांक 30.11.2018 को उत्तरजीवी की मामी को दस्तयाब किया गया जिससे पूछताछ किये जाने पर उसने दिनांक 29.11.2018 को आरोपी मुकेश द्वारा उसे व उत्तरजीवी को घूमाने का बोलकर बहला फुसलाकर अपने साथ ले जाना, इटारसी बस स्टेण्ड पर उसे छोड़कर उत्तरजीवी को शादी करने के उददेश्य से बहला फुसलाकर साथ लेकर जाना बताया जिसके पश्चात आरोपी के विरूद्ध अपराध क्रमांक 1107/2018 अंतर्गत धारा 363,366 भादवि की प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज की गई।
विवेचना के दौरान 08.01.2019 को थाना कोतवाली देवास में उत्तरजीवी को आरोपी मुकेश के कब्जे से दस्तयाब कर दस्तयाबी पंचनामा बनाया गया तथा उत्तरजीवी से पूछताछ किये जाने पर उत्तरजीवी ने दिनांक 29.11.2018 को आरोपी मुकेश के साथ बस स्टेण्ड देवास से ग्राम सिहाना, मांगलिया, इन्दौर, इटारसी, हरदा तथा वहां से कटक उड़ीसा अपनी बहन के घर ले जाना, जहां शादी का कहकर उसके साथ जबरजस्ती गलत काम किया जाना बताया। उत्तरजीवी का मेडीकल परीक्षण कराया गया। उत्तरजीवी व उसकी मामी के धारा 164 द.प्र.सं. के अंतर्गत न्यायालय में कथन कराये गयेा आरोपी को गिरफतार कर गिरफतार पत्रक बनाया गया। आरोपी का मेडीकल परीक्षण कराया गया। अन्य आवश्यक अनुसंधान पश्चात आरोपी के विरूद्ध अभियोग पत्र माननीय न्यायालय में पेश किया गया।
माननीय विशेष न्यायालय (पाक्सो एक्ट) जिला देवास द्वारा दिनांक 09.10.2020 को निर्णय पारित कर आरोपी मुकेश शर्मा, उम्र 23 साल, निवासी ग्राम सियाना थाना क्षिप्रा, जिला इन्दौर को दोषसिद्ध पाते हुये भारतीय दण्ड संहिता की धारा 366, 343, एवं 5(एल)/6, 5(एन)/6 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम-2012 में 20 वर्ष की सजा व कुल 24000/- के जुर्माने से दंडित किया गया।
उक्त प्रकरण में श्री अजय सिंह भंवर, उप संचालक (अभियोजन) जिला देवास द्वारा सतत् मॉनिटरिंग की गई जिनके मार्गदर्शन में विशेक लोक अभियोजक श्री राजेन्द्र खाण्डेगर जिला लोक अभियोजन अधिकारी, जिला देवास द्वारा कुशल पैरवी संपादित की गई एवं कोर्ट मोहर्रिर रमेश बर्डे का विशेष सहयोग रहा।
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