Thursday 6 August 2020

देश की नामवर महिला पहलवानो को हराकर 5 बार भारत केसरी खिताब जीतने वाली सोनम मलिक पहलवान - लियाकत हुसैन मिलन की कलम से | Kosar Express


सोनम मलिक पहलवान की"कुश्ती की कहानी " "उन्ही की जुबानी"
हरियाणा प्रांत के जिला सोनीपत की तहसील गौहाना के मदिना गांव में राजेन्द्र मलिक एवं माता श्रीमती मीना मलिक परिवार में सोनम मलिक का जन्म 15 अप्रैल 2002 को हुआ,
परिवार में एक बहन और एक भाई है बड़ा भाई मोहित, सोनम को पहलवानी कराने में सहयोग करते हैं,
सोनम के पिता राजेन्द्र मलिक सुपर मिल गोहाना में नौकरी करते हैं , परिवार का पालन पोषण करना राजेन्द्र मलिक पर ही निर्भर रहा,
भारतीय कुश्ती पत्रिका के विशेष संपादक लियाकत हुसैन मिलन ने सोनम मलिक के पिता राजेन्द्र मलिक एवं उनके बड़े बेटे मोहित मलिक से हरियाणा के मदिना गांव में फ़ोन से सोनम मलिक की कुश्ती पर अनेक सवाल किए,जेसा सवाल के जवाब में बताया गया वेसा ही लिखा गया है,
परिवार में राजेन्द्र मलिक और मोहित के चाचाजी को पहलवानी का शौक था,मोहित भी पहलवानी करने लगे ,तथा सोनम को 10/11 साल की उम्र में पहलवानी का शौक हुआ, पिताजी वहीं नजदीक नेताजी सुभाष चन्द्र एकेडमी मदिना गांव जिला सोनीपत में कुश्ती के लिए सोनम को पिताजी अखाड़े ले जाने लगे,
अखाड़े में गुरु अजमेर सिंह ने सोनम को कुश्ती के गुर सिखाए,और सोनम एक अच्छे पहलवान की आरजू लिए अखाड़े की मिट्टी में कुद पड़ी,
सोनम अखाड़े भी जाती और पढ़ाई भी करती रही, रोहतक के जाट कालेज में सोनम बी,ए, फाइनल की पढ़ाई कर रही है,इस तरह सोनम के कुश्ती के सफर की शुरुआत हुई,सोनम ने कुश्ती के गुर गुरु अजमेर सिंह से सिखे ओर कुश्ती के मुकाबले में भाग लेने लगी,
सोनम मलिक ने देश की महिला नामवर पहलवानों को हराकर भारत केसरी कुश्ती प्रतियोगिता में अपना लोहा मनवाया और 5 बार भारत कैसरी खिताब अपने नाम किया,
तथा राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कुश्ती प्रतियोगिता में भाग लेकर देश के लिए मैडल जीतकर अपना ही नाम रोशन नहीं किया बल्कि अपने गांव मदिना, और अपने पिताजी राजेन्द्र मलिक एवं गुरु अजमेर सिंह के साथ साथ हरियाणा प्रांत और देश का नाम विदेश में रोशन किया है,
बहरहाल,,देश की नामवर रेसलर शाक्षी मलिक पहलवान को सोनम मलिक पहलवान ने हराया,
उत्तर प्रदेश के लखनऊ शहर में ओलम्पिक केम्प के क्वालिफाई ट्रायल में एक बार सोनम मलिक पहलवान ने साक्षी मलिक पहलवान को पाइंट से हराया और एक बार एशिया में मैडल नहीं आया तो फिर शाक्षी मालिक के साथ ट्रायल हुई,
(5) 2019 राजस्थान के कोटा शहर में हरियाणा की सुदेश कुमारी को हराकर भारत केसरी खिताब जीता,
कसाला और खुराकसुबह पांच बजे उठकर अखाड़े में जाती है और 3/4 किलोमीटर रंनिग दौड़ लगाते,पी,टी करना,उठक बैठक 300/400 के लगभग,रस्साचढना, वजनी फावड़े से अखाड़ा गोदना, तीन चार पहलवान से जोर करना, जिसमें प्रमुख रूप से किरती पहलवान,अंशु पहलवान, बिंदु पहलवान, आदि शामिल हैं,शाम में पांच बजे से आठ बजे तक प्रेक्टिस होती है इस तरह तीन घंटे सुबह और तीन घंटे शाम प्रेक्टिश होती है,
खुराक में बादाम शरबत फ्रुट ज्युश दुध दही घी मक्खन फ्रुट ज्युश आदि लेते हैं,भोजन शुद्ध शाकाहारी ही लेती है
ईनाम और सम्मान सोनम मलिक ने अपने कुश्ती जीवन में 7 गुर्ज जीते हैं,1 स्कुटी जीती है, तथा अनेक जगह मिट्टी के अखाड़े में दंगली कुश्तियां भी खुब लड़ी है, तथा सरिता मौर पहलवान हरियाणा, राधिका पहलवान हिसार, अंशु तोमर पहलवान यु,पी, ज्योती पहल वान पंजाब आदि कई नामवर पहलवानों को हरा चुकी है ,तथा नगदी ईनाम राशि भी बहुत जगह जीती है,और बहुत जगह सम्मान मिला है,
सोनम मलिक पहलवान ने कुश्ती क्षेत्र में शौहरत हासिल कर ढैरो उपलब्धियां हासिल की है।भारतीय कुश्ती पत्रिका परिवार सोनम मलिक पहलवान को ईनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए दिली मुबारकबाद बधाई देते हैं।




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