झाबुआ। (रहीम शेरानी) झाबुआ क्षेत्र में किशोरी स्वास्थ्य एक बडी चुनौती है जिसे जिला प्रशासन ने भी न केवल बखूबी स्वीकार किया है, बल्कि इस चुनौती से निपटने के लिये प्रभावी रणनीतिया बनाकर इस दिशा में कार्य भी प्रशासन द्वारा निरन्तर किये जा रहें है ! जो की जिले के लिये गौरव की बात है। ग्रामीण अंचल के किशोर-किशोरियों को एनीमिया, कुपोषण आदि से सुरक्षित रखने हेतु आगनवाडियों ओर विद्यालयों आदी के माध्यम से आयरन फोलिक गोलिया खून की जाच, पोषण आहार समय-समय पर उपलब्ध कराया जा रहा है ! और निसंकोच जिसके सार्थक परिणाम भी प्राप्त हो रहें जो, कि जिला प्रशासन की एक प्रशंसनीय उपलब्धि है।
झाबुआ अंचल में अशिक्षा और बेरोजगारी का प्रतिशत अन्य जिलों की तुलना में अधिक है। आजीविका उपार्जन हेतु जिले की बडी जनसंख्या सुदूर राज्यों में पलायन करती है। जिसके परिणाम स्वरूप शासन-प्रशासन द्वारा किशोरियों को आगवाडी और स्कूल से उपलब्ध कराई जाने वाली पोषण सुविधाओं का पूर्ण रूप से लाभ प्राप्त नहीं हो पाता और किशोरियों में एनीमिया, कुपोषण जैसी बीमारियों की संभावनायें निरन्तर बनी रहतीं हैं।
किशोरी स्वास्थ्य को ध्यान रखते हुये और किशोरियों में एनीमिया, कुपोषण आदि की रोकथाम के उददेश्य से जिला प्रशासन, यूनिसेफ और वसुधा विकास संस्थान की साझी पहल से किशोरियों हेतु पोषण कार्यक्रम का क्रियान्वयन जिले के झाबुआ, मेघनगर, और पेटलावद विकास खण्डों में किया जा रहा है। जिले में संचालित इस पोषण कार्यक्रम के तहत चयनित गावों में संस्था कार्यकर्ताओं द्वारा निरन्तर बैठकें कर किशोरियों को आयरन फोलिक एसिड की गोली, व्यक्तिगत एवं मेन्सूरेशन स्वच्छता पर निरन्तर जागरूक किया जा रहा है। परियोजना के अन्तर्गत चयनित आगनवाडियों में वसुधा संस्था प्रतिनिधियों की सहायता से किशोरियों ने आयरन गोली निगरानी तालिकायें बनाकर उन्हें आगनवाडी केन्द्रों में चस्पा किया है और आयरन की गोली का सेवन करने के बाद किशोरियों स्वय ही तालिका में अपने नाम के आगे निशान लगाकर आयरन गोली सेवन की पुष्टि करती है जिससे आगनवाडी कार्यकर्ता और आगनवाडी में आने वाले विजिटरों को भी निगरानी रखने में सुविधा होती है। किशोरियों द्वारा आगवाडियों में चस्पा की गई यह आयरन गोली निगरानी तालिकायें किशोरियों का एक अनूठा प्रयास है।
आगवाडी और विद्यालयों में विभिन्न योजनाओं के माध्यम से प्राप्त होने वाली सुविधाओं के अलावा अच्छा पोषण आहार भी किशोरियों के लिये अत्यन्त आवश्यक है और इसी उददेश्य से वसुधा विकास विकास संस्थान द्वार कार्यक्रम के अन्तर्गत चयनित गावो की किशोरियों को न केवल पोषण वाटिकाओं के निर्माण हेतु प्रेरित किया जा रहा है बल्कि विभिन्न पोषक साग भाजियों के बीज उपलब्ध कराकर पोषण वाटिकाओं का निर्माण भी करवाया जा रहा है जिसमें गाव की किशोरियों सहित आगनवाडी कार्यकर्ता, आशा कार्यकर्तायें और किशोरियों के परिजन भी संस्था को पूर्ण सहयोग कर रहें हैं। यूनिसेफ, जिला प्रशासन और वसुधा संस्था के साझी पहल से विकासखण्ड झाबुआ, मेघनगर और पेटलावद के 37 गावों में संचालित किशोरी बालिकाओं हेतु पोषण कार्यक्रम वसुधा संस्था के प्रोजक्ट कार्डिनेटर अरूण कुमार शर्मा के दिशा निर्देशन में संचालित किया जा रहा है जिसमें संस्था के अन्य स्व सेवी कार्यकर्ताओं रणवीर सिंग सिसोदिया, मीना सिसोदिया, कमीता डामोर, उमेश मेडा सहित जिला एवं खण्ड स्तर के अधिकारियों का पूर्ण सहयोग और योगदान संस्था को प्राप्त हो रहा है।
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