देवास। पूर्व नगर निगम आयुक्त के ऊपर जानलेवा हमला करने वाले 10 आरोपियों को न्यायालय ने सजा सुना दी है। जिसमें समस्त 10 आरोपियों को पाँच-पाँच वर्ष कैद व 13-13 हजार रुपये अर्थदंड की सजा मिली है। न्यायालय ने सभी आरोपियों को जेल पंहुचा दिया है।
ये था पूरा मामला
निगम में कुछ सफाईकर्मीयों द्वारा कार्य में लापरवाही बरती जा रही थी। इसके सुधार हेतु वर्ष 2010 में 1 नंवबर को शाम 6 बजे रविकांत मिश्रा ने एक लिखित आवेदन पत्र तत्कालीन आयुक्त देवेन्द्रसिंह को दिया था और अगले दिन 2 नवंबर को दोपहर लगभग 1 बजे निगमायुक्त देवेन्द्रसिंह कार्यालय में बैठकर कार्यालयीन कार्य कर रहे थे। उसी दौरान सफाईकर्मी एकजुट होकर आयुक्त के कार्यालय में जा पंहुचे । जिसमें चिंताराम लावरे, जगदीश बंजारे, सुदेश बंजारे, धनराज सांगते, अनिल बंजारे, अनिल पथरोड़, पारस कलोसिया, राजेन्द्र दावरे, मुकेश सांगते, दिनेश सांगते उर्फ टाइसन, के साथ अन्य 50-60 लोग बलपूर्वक हथियार के साथ कमरे में घुसे थे। जहां सभी ने एकमत होकर आयुक्त के साथ गाली गलोच कर मारपीट कर जानलेवा हमला कर दिया था। इस बीच आयुक्त देवेन्द्रसिंह ने अपनी जान बचाते हुए रिटायरिंग रूम में घुस कर अंदर से दरवाजा बंद कर लिया और अपनी जान बचाई थी। इस बीच निगमायुक्त के कार्यालय में जमकर तोड़-फोड़ कर दी गई थी।
उसी के चलते उक्त प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन था। आज बुधवार को लगभग नो वर्ष बाद न्यायाधीश ने अपना अंतिम फैसला सुनाया। प्रकरण में मध्य प्रदेश शासन की ओर से पैरवी सरकारी वकील अशोक चावला ने कि वह सहयोग और मुंशी शंकर पटेल का रहा।
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