देवास। कलयुग में भी ईमानदार लोग अभी भी मौजूद है। जहां एक और संपत्ति और रूपए को लेकर विवाद होने के मामले देखने को मिलते है। वहीं इस कलयुग में आज भी ईमानदार लोग मौजूद है। इसकी बानगी तब देखने को मिली जब एक युवक को रूपए से भरी थैली मिली। थैली मिलने के बाद उसने तत्काल जिस व्यक्ति की रूपए से भरी थैली थी उसे तलाश कर उसे लौटाए। जिस व्यक्ति के रूपए से भरी थैली गिर गई थी वो उसे वापस पाकर खुश हो गया।
अस्पताल के गेट पर गिर गई थी रूपए से भरी थैली
चापड़ा के पाटीदार मोहल्ले में रहने वाले माखन पाटीदार पिता आनंदीलाल की पत्नी को डिलेवरी होने के चलते सिविल लाइंस स्थित कुलकर्णी अस्पताल में भर्ती किया था। माखन के भाई कन्हैयालाल पाटीदार बच्ची को कुरकुरे का पैकेट दिलाने के लिए अस्पातल के सामने दुकान पर गए थे। तब उनके हाथ में राज टेलीकॉम की एक थैली भी थी। इसी दौरान कन्हैयालाल के हाथ से रूपए से भरी थैली गिर गई। तभी हेलो सिटी हलचल के संपादक दुर्गेश शर्मा रोजाना की तरह अपना अखबार डालने कुलकर्णी अस्पताल पहुंचे। तभी दुर्गेश की नजर गेट के पास पड़ी थैली पर पड़ी। जब थैली को उठाकर देखा तो उसमें 200 और 100 के नोटों की गड्डी थी। जिस पर दुर्गेश अस्पताल के अंदर पहुंचे और अस्पताल प्रबंधन को अवगत कराने ही वाले थे कि माखन की नजर थैली पर पड़ी। जिस पर माखन ने थैली को पहचान लिया और उनकी होने का बताया। जब दुर्गेश ने माखन से पूछा की थैली में क्या है तो उन्होंने बताया कि उसमें 25 हजार रूपए है जो मेरे भाई के हाथ से गिर गए थे। इस दौरान माखन का भाई कन्हैयालाल भी उपस्थित था। 25 हजार रूपए वापस मिलने पर माखन और उसके परिजनों ने दुर्गेश को धन्यवाद दिया और प्रशंसा की आज भी ईमानदारी जिंदा है।
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