विरोध प्रदर्शित करने के लिए कोई महिला अपनी साड़ी उतारकर तो नहीं लहराएगी
जबलपुर। सीधी जिले में पत्थर और जूता का हमला झेल चुके सीएम शिवराज सिंह अब विरोध के दर्शन तक नहीं करना चाहते। मंडला में इसका असर दिखाई दिया। यहां श्रोताओं के लिए ड्रेसकोड लागू किया गया। श्रोताओं को काले कपड़े पहनकर आने की मनाही थी। जो लोग काली जैकेट, काली शर्ट पहनकर आए थे उन्हे लौटा दिया गया। यहां तक कि काली साड़ी पहनकर आई महिला को भी वापस भेज दिया गया। बता दें कि एससी-एसटी एक्ट में संशोधन के बाद प्रदेश भर में जनप्रतिनिधियों के खिलाफ जनता में आक्रोश भड़क गया है और सीएम शिवराज सिंह तो कई संगठनों के निशाने पर हैं।
महिला क्या साड़ी उतारकर लहराती ?
जनआशीर्वाद यात्रा के दौरान काले कपड़े, जैकेट, झंडे, छाते जैसी चीजों को कार्यक्रम स्थल पर ले जाने से रोका गया। यहां तक की जिन सुरक्षाकर्मियों ने काले रंग के कपड़े पहने थे, उन्हें भी कपड़े बदलने के बाद ही सभा में जाने की अनुमति मिली। हद तो तब हो गई जब एक महिला जिसने काली साड़ी पहनी थी, उसे भी उसकी साड़ी की वजह से सभा में जाने नहीं दिया गया। वहां मौजूद लोगों ने इस पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि कम से कम मर्यादा का ध्यान रखा जाना चाहिए था। विरोध प्रदर्शित करने के लिए कोई महिला अपनी साड़ी उतारकर तो नहीं लहराएगी।
काले रंग की चीजें जब्त कर लीें
जो लोग काले रंग की कोई भी चीज लाए थे, उनसे ये सभी चीजें रखवा ली गईं और कार्यक्रम के बाद वापस लेने के लिए कहा गया, लेकिन जब वे कार्यक्रम के बाद इन वस्तुओं को लेने गए तो ना तो उन्हें उनका सामान मिला और ना ही सामान लौटाने के लिए वहां कोई मौजूद नहीं था।
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