एएसपी मनीष खत्री के मुताबिक, पकड़ाए आरोपित का नाम चंद्रकांत उर्फ पप्पू शर्मा निवासी शास्त्री कॉलोनी है। वर्ष 1979 में पुलिस ने पप्पू को वाहन चोरी के आरोप में गिरफ्तार किया था। वर्ष 2007/08 तक पप्पू कोर्ट पेशी करता रहा। गवाहों द्वारा उसके खिलाफ बयान दिए तो अचानक कोर्ट से फरार हो गया। वर्षों तक पुलिस घर और रिश्तेदारों से पूछताछ करती रही।
सुराग नहीं मिलने पर फरार घोषित कर दिया। कोर्ट ने स्थाई वारंट जारी कर फाइल जमा कर दी। पिछले दिनों वारंटियों की धरपकड़ शुरू हुई तो एसपी ने इनाम घोषित कर पकड़ने के निर्देश दिए। सिपाहियों को सूचना मिली कि पप्पू साधु बनकर फरारी काट रहा है। लेकिन उसका स्थाई ठिकाना नहीं है। वह नर्मदा किनारे देखा गया है।
इस ट्रिक से धर लिया गया
टीआई सविता चौधरी के मुताबिक, सूचना मिली थी कि पप्पू सिंहस्थ- 2016 में भी आया था। साधुओं के अखाड़े में चरणदास महाराज बनकर ठहरा था। वह भांग व गांजा पीने का शौकीन है। सिपाही प्रेमनारायण द्विवेदी, भावेश चौहान, मुकेश नर्मदा किनारे पहुंचे व उसकी तलाश शुरू की। मुखबिर को लगाया। मुखबिर ने खेड़ीघाट पर उसे ढूंढ लिया। कुछ दिन उसके साथ नशा किया व असली नाम पूछा और फोटो खींच लिया। भाई और भाभी से पुष्टि होते ही शनिवार को खेड़ीघाट से पकड़ लिया।
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